- मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रदेश सरकार तथा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू का आदान-प्रदान
- उचित दर की दुकानों का और अपग्रेडेशन करने जा रही सरकार-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर: प्रदेश के राशन के करीब 80 हजार उचित दर विक्रेताओं (कोटेदारों) को गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक सशक्तिकरण की डबल सौगात दी है.
कोटेदारों को सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) या जनसेवा केंद्र के रूप में और सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में
जहां प्रदेश सरकार तथा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू का आदान प्रदान हुआ,
वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कोटेदारों के लिए राशन वितरण पर प्रति क्विंटल 20 रुपये लाभांश वृद्धि की घोषणा भी की है.
कोटेदारों का लाभांश प्रति क्विंटल 70 से बढ़कर 90 रुपया हो गया है. इस लाभांश वृद्धि से सरकार के खजाने पर करीब 200 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय भार बढ़ेगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ने राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश भर की सभी उचित दर की दुकानों को अपग्रेडे करने जा रही है.
इससे कोटेदार और सशक्त बनेंगे तथा राशन वितरण के साथ अन्य सुविधाओं का लाभ आमजन को और तत्परता से प्राप्त होगा.
बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि सीएससी के रूप में उचित दर की दुकानों के विक्रेताओं को
सक्षम बनाने तथा लाभांश में 20 रुपये की वृद्धि प्रदेश के 80 हजार कोटेदारों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का अभियान है.
प्रदेश में 15 करोड़ लोग कोटेदारों से खाद्यान्न प्राप्त करते हैं इसके बावजूद कई बार कोटेदारों को हेय दृष्टि से देखा जाता था.
इस सोच में परिवर्तन लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से तकनीकी आधारित अभियान प्रारंभ किया गया.
कोटे की दुकानों को तकनीक से जोड़ना वर्ष 2017 के पहले तक उत्तर प्रदेश के लिए सपना था किन्तु निर्धारित समय सीमा में 80 हजार कोटे की दुकानों पर सरकार ने ई-पास मशीन की सुविधा सुनिश्चित किया.
इसका परिणाम रहा कि कोरोना संकटकाल में भी 15 करोड़ लोगों को बिना संकट राशन मिलता रहा. कोरोना के दौर में भी यूपी में कोटेदारों के सहयोग से जितनी अच्छी राशन वितरण व्यवस्था हुई, उसकी सर्वत्र सराहना की जाती है.
यूपी की खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पूरे देश मे बेहतरीन:
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की खाद्यान वितरण व्यवस्था पूरे देश में बेहतरीन है, हर जरूरतमंद को खाद्यान्न उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
सीएम ने कहा कि तकनीकी को अपनाकर यहां के उन कार्डधारको को नेशनल पोर्टिबिलिटी से जोड़ा गया जो काम के चलते महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात या अन्य राज्यों में हैं.
इसका फायदा यह है कि किसी भी अन्य राज्य में रहने वाला यूपी का नागरिक अपने राशनकार्ड पर वहां खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है. इसी तरह अन्य राज्यों के नागरिक भी यूपी में खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं.
सीएससी बनने से पूरे प्रदेश की जनता को लाभ:
सीएम योगी ने कहा कि सीएससी से 80 हजार कोटेदारों के जुड़ने से उनकी आय बढ़ेगी, अन्य लोगों को भी रोजगार मिलेगा.
इन सीएससी से मिलने वाली ई स्टैम्प, आय, जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान, आधार, पैन कार्ड समेत अनेक सुविधाओं का लाभ पूरे प्रदेश की जनता को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की सभी 25 करोड़ जनता के जीवन मे व्यापक सुधार लाने को प्रतिबद्ध है.
बैंकिंग सुविधा के लिए बैंकों से होगा एमओयू:
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटे की दुकानों के सीएससी के रूप में सक्षम होने के साथ ही सरकार इनके जरिए बैंकिंग सुविधा के लोगों तक पहुंचाएगी.
बैंकों के साथ एमओयू होगा, सरकार कोटेदारों के जरिए सामान्य नागरिक के जीवन में सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोटेदारों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि संकट में साथ खड़ा होने वाला ही सच्चा साथी होता है.
वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में आप सबने देखा होगा कि किस तरह केंद्र व राज्य सरकार हर गरीब के साथ खड़ी रही.
महामारी में जितनी मौत बीमारी से होती है, उससे अधिक भुखमरी से लेकिन, PM नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र व राज्य सरकार ने हर जरूरतमंद को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया.
सीएम योगी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में भी प्रदेश में 30 लाख नए राशन कार्ड जारी किए गए.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के जरिये देश में 80 करोड़ तथा प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया.
सबसे बड़ा खाद्यान्न वितरण अभियान उत्तर प्रदेश सरकार ने चलाया. दिसंबर 2021 से प्रदेश में राशनकार्डधारकों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ 1 किलो दाल, 1 किलो तेल, 1 किलो नमक भी मुफ्त मिल रहा है.
इसके अलावा अंत्योदय कार्डधारकों को 1 किलो चीनी भी मुफ्त दी जा रही है. CM ने बताया कि जो सामान कार्डधारकों को उपलब्ध कराया गया वह बेस्ट क्वालिटी का है.
कोरोना संकट में जब प्रवासी कामगार वापस उत्तर प्रदेश आए जो सरकार ने पलक पांवड़े बिछा कर उनका स्वागत किया.
उनके लिए 6 करोड़ से अधिक लंच पैकेट व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई. उत्तर प्रदेश से होकर जाने वाले अन्य राज्यों के लोगों को भी भोजन पैकेट व पेयजल उपलब्ध कराया गया.
उन यूपी वासियों को जो किन्ही कारणों से सक्षम नहीं थे, उन्हें 15 दिन का राशन व 1,000 रुपया भत्ता भी प्रदान किया गया.
कोटेदारों को प्रोत्साहित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में अन्न को ब्रह्म माना जाता है और अन्नदान को सबसे बड़ा दान.
राशन वितरण व्यवस्था में आप प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अन्नदान के हकदार बन जाते हैं. आपके लाभांश में की गई वृद्धि के साथ थोड़ी सी ट्रेनिंग लेकर जब सीएससी से जुड़ेंगे तो आपकी आय भी काफी बढ़ेगी.
यह आपके श्रम और ईमानदारी की आय होगी, ईमानदारी की कमाई का अनुपम सुख होता है जबकि बेईमानी से अर्जित आय को लेकर व्यक्ति हमेशा सशंकित रहता है.
निराश्रित की मदद, सेवा का परम धर्म है और यह आपको पुण्य का भागीदार बनाता है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की
उपस्थिति में प्रदेश के खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू एवं सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के स्टेट हेड अतुल राय ने एमओयू का आदान- प्रदान किया.
इस अवसर पर स्वागत संबोधन प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी तथा आभार ज्ञापन खाद्य एवं रसद आयुक्त सौरभ बाबू ने किया.
इस अवसर पर गोरखपुर के सदर सांसद रविकिशन शुक्ला, बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान, महापौर सीताराम जायसवाल,
विधायक महेन्द्रपाल सिंह, विधायक विपिन सिंह, विधायक डॉ विमलेश पासवान, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह,
भाजपा जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश, एसएसपी गौरव ग्रोवर आदि लोग मौजूद रहे.