गोरखपुर: मुख्यमंत्री के शहर में अधिकारियों के नाक की नीचे जिला मुख्यालय से महज़ चंद कदमों की दूरी पर महिला चिकित्सालय में वयाप्त भ्रष्टाचार ने सभी सीमाओं को लांघते हुए मानवीय संवेदना को तार-तार कर दिया और बुधवार रात एक मासूम कि जिंदगी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई.
मामला जिला महिला चिकित्सालय गोरखपुर का है जहां परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के लिए पैसे की डिमांड के बाद हुई देरी ने एक मासूम की जान ले ली.
हंगामा होने के बाद जब परिजन के अलावा अन्य मरीजों के तीमारदार इकट्ठा हुए तो जिला महिला अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार की कहानी परत दर परत सामने आने लगी.
आमजन की बात तो दूर यहां तक कि एक पार्षद को भी जिला महिला अस्पताल के दलालों ने नहीं बख्शा और उनसे भी बहन के ऑपरेशन के लिए 5 हज़ार रुपये की मांग कर डाली.
उपस्थित परिजनों ने कैमरे के सामने बताया कि जिला महिला अस्पताल में हर मरीज़ से पैसे की डिमांड की जाती है और पैसा न देने वाले मरीज़ को बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है.
वहीं एक मासूम की मौत के सम्बंध में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 एन0 के0 श्रीवास्तव का कहना है कि “अस्पताल में आने से पहले ही बच्ची की गर्भ में मौत हो चुकी थी
जबकि पैसा मांगे जाने के प्रकरण पर एसआईसी ने कहा कि मामला गम्भीर है इसकी जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा उसे बक्शा नही जाएगा.”
बहरहाल बुधवार की रात को महिला अस्पताल में हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कानून व्यवस्था बनाये रखा लेकिन खुफिया विभाग फिर भी सोता रहा और मासूम की मौत का जिला महिला अस्पताल में मातम होता रहा.
अगर जिले के खुफिया विभाग ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती और मौके ब मौके अस्पताल की स्थिति से जिले से लेकर प्रदेश के आला अधिकारी वाकिफ होते तो
आज शायद सीएम के शहर में स्थित जिला महिला चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम पर न होता जिससे गरीब मरीजों को इलाज में दुश्वारी न होती.
(मनव्वर रिज़वी)