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गोरखपुर: डेंगू पर नियंत्रण के लिए नगर निगम, नगर पंचायतों एवं ब्लॉक स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जमीनी हकीकत जांचने वाले कई अधिकारी अब रिपोर्ट देने में शिथिलता बरत रहे हैं.

10 नवंबर की शाम तक रिपोर्ट जिलाधिकारी को देनी थी लेकिन 14 अधिकारियों की रिपोर्ट अब तक नहीं मिल सकी है.

इस लापरवाही पर सख्ती बरतते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने इन अधिकारियों का नवंबर महीने का वेतन अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है.

इसके साथ ही सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. इसमें बांसगांव, गोला व चौरी-चौरा तहसीलों के एसडीएम जबकि सदर

तहसील के एएसडीएम शामिल भी शामिल हैं. अधिकारियों पर हुई इस सख्ती के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा है.

जिलाधिकारी ने इसे शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही माना है. इनका रोका गया वेतन एसडीएम बांसगाव, एसडीएम गोला, एसडीएम चौरी चौरा,

अपर उप जिलाधिकारी (एएसडीएम) सदर, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, सहायक निदेशक हथकरघा, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी,

क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, प्रधानाचार्य राजकीय आइटीआइ, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) भरोहिया,

खोराबार, सहजनवा, कौडीराम, गोला, जंगल कौड़िया, उरूवा, बडहलगंज, पिपरौली, चकबंदी अधिकारी दीवान बाजार, चकबंदी अधिकारी रूस्तमपुर,पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता गौतम लाल व धर्मेंद्र कुमार.

बता दें कि डेंगू के नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की जांच इन अधिकारियों को सौंपी गई थी लेकिन 14 अधिकारियों ने जांच के बाद रिपोर्ट नहीं दी है.

यह लापरवाह कार्यशैली है, सभी का नवंबर महीने का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है और स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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