देश में लागु संविधान की महत्ता को बताते हुए ‘पूर्वांचल के गाँधी’ कहे जाने वाले डॉ सम्पूर्णानन्द मल्ल ने राष्ट्रपति को लिखा है कि संविधान किसी भी प्रकार के ‘शोषण’ से सुरक्षा का दस्तावेज है.
हमारे देश में ऐसे 38 लोग हैं जो वीवीआईपी की श्रेणी में आते हैं. यह कितना विरोधासात्मक है कि जिस जनता ने अपने प्रतिनिधियों को चुना है वे टोल टैक्स नहीं देते हैं जबकि जनता टैक्स के दायरे में आती है.
टैक्स “शोषण” है, एक प्रकार की चोरी है. निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स एवं आटा, चावल, गेहूं, दाल, तेल, चीनी, नमक, दवा, हवा, पानी पर जीएसटी समाप्त करने का इन्होंने बार-बार निवेदन किया है.
डॉ मल्ल ने बताया कि “महंगाई नियंत्रित करिए’ मनुष्यता मर रही है’ परंतु लोगों की चमड़ी उधेड़ कर चलने वाली सरकार पर इसका कोई असर नहीं है.
महंगाई क्राइम है. सरकार “मनमानी” टैक्स” लगा रही है, बढ़ा रही है. महंगाई के कारण गरीब बच्चे वृद्ध, महिलाएं कैसा जीवन गुजार रही हैं देखा नहीं जाता?
दरअसल ऊंची GST “हेवी टोल टैक्स” महंगी, डीजल, पेट्रोल, CNG के कारण महंगाई फैली है. “जीवन” की रक्षा हमारा मौलिक अधिकार है.
आटा, गेहूं, चावल, दाल, तेल, चीनी, नमक, दवा, हवा, पानी जीवन है और जब इस पर GST लगा दीजिएगा तब 120 करोड़ गरीब, कंगाल, निर्धन, जीवन कैसे गुजारेगा?
आज विधायिका में कुछ को छोड़कर शेष चोर, लुटेरे, भ्रष्टाचारी, व्यभिचारी, बलात्कारी, क्रिमिनल, सांप्रदायिकता फैलाने वाले जातीय जहर घोलने वाले हैं.
बार-बार लिख रहा हूं संसद पर जितना अधिकार आपका है उतना ही मेरा भी है. इसलिए जब मैं सदन के सामने सत्याग्रह करूंगा तब इस क्रूर-कर”आदेश तोड़ दूंगा.
“हमें संविधान चाहिए न अधिक न कम”
संपूर्णानंद मल्ल सत्यपथ ps शाहपुर गोरखपुर (9415418263, [email protected])