- बलिदान देकर मजदूरों ने हासिल किया अधिकार–रूपेश
गोरखपुर: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 01 मई को ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ की जनपद शाखा गोरखपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस सिंचाई विभाग परिसर में मनाया गया.
इस अवसर पर परिषद अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मजदूरों की कोई सेवा नियमावली नही थी इसलिए उनसे 16 से 18 घण्टे काम लिया जाता था.
इसके विरुद्ध वर्ष 1886 में अमेरिका के शिकांगो शहर में सर्व प्रथम 04 मई को मजदूरों ने काम का समय 08 घंटे करने के लिए आंदोलन किया
जिस पर वहां की तानाशाही सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए मजदूरों पर गोली चलवा दिया जिसमे वहां के सरकार के रिकार्ड के अनुसार 08 मजदूर मारे गए.
इसके विरोध में पूरे अमेरिका में आंदोलन हुआ और अंतत: सरकार को झुकना पड़ा और कार्य अवधि घटकर 8 घंटा करना पड़ा.
महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि भारत में मजदूर दिवस 01 मई, 1923 से मनाया जाता है. इसकी शुरुआत भारतीय किसान मजदूर पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने मद्रास में शुरू किया था.
उन्होंने कहा कि हम संगठित रहकर ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं. देश में अब तक की सभी सरकारें दिन प्रतिदिन हमारे अधिकारों को कम कर रही हैं.
इसलिए हमें हमेशा संगठित रहने की जरूरत है. जब भी किसी मजदूर या कर्मचारी का मामला हो तो हमें संगठन से ऊपर उठकर हर हाल में उसकी मदद करें.
कार्यक्रम को राजेश सिंह, पंडित श्याम नारायण शुक्ल, अशोक पांडे, फुलई पासवान ने कहा कि आज एक बार फिर देश का मजदूर संकट के मुहाने पर खड़ा है.
ऐसे में देश के सभी मजदूर एक होकर संघर्ष करे तभी आपका अस्तित्व बचेगा. इस अवसर पर ओंकारनाथ राय, कनिष्क गुप्ता, बंटी श्रीवास्तव, मेहताब अली, शंभू नाथ, उदय प्रताप सिंह सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.