आजादी की लड़ाई के तर्ज पर लड़नी होगी NPS से आजादी की लड़ाई–रूपेश

  • एनपीएस अच्छी तो विधायिका में भी हो लागू–राजेश सिंह
  • याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा–पं० श्यामनारायण शुक्ल

गोरखपुर: ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ की आवश्यक बैठक डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ भवन गोरखपुर में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता

डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष ई० राम समझ शर्मा और संचालन महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने किया. बैठक में मुख्य अतिथि रूपेश कुमार श्रीवास्तव

तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह और श्याम नारायण शुक्ल उपस्थित रहे. बैठक में रघुराम राजन द्वारा पुराने पेंशन बहाली पर

हाल ही में दिए गए बयान पर कर्मचारियों ने आपत्ति जताई. रघुराम राजन ने कहा था कि अगर पुरानी पेंशन बहाली होती है तो देश में आर्थिक मंदी आएगी,

उनके इस बयान का काउंटर करते हुए अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति जब बदहाल थी, देश गुलामी की जंजीरों से बंधा था

तब भी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू रही. कालांतर में आजादी के बाद हमारे संविधान विशेषज्ञों ने इसे मौलिक अधिकार की श्रेणी में डाल दिया.

उस समय हमारे देश के सांसदों, विधायकों को पुरानी पेंशन की व्यवस्था नहीं की गई थी. आगे चलकर संविधान संशोधन के माध्यम से देश के

सांसदों, विधायकों को पेंशन की व्यवस्था दी गई लेकिन आज दुर्भाग्य पूर्ण यह है कि पेंशन जिसका मौलिक अधिकार था, उनसे अर्थात कर्मचारियों से एक तुगलकी फरमान जारी कर उनकी पेंशन छीन ली गई.

हम देश के सभी कर्मचारियों, शिक्षकों, मजदूरों, सेना और अर्ध सैनिक बलों के जवानों से अपील करते हैं और यह बताना चाहते हैं कि पुरानी पेंशन की लड़ाई

हमें आजादी की लड़ाई के तर्ज पर लड़ना होगा, इसके लिए हमें घरों से निकलना होगा. तब यह सरकार पुरानी पेंशन बहाल करेगी अन्यथा वह

दिन दूर नहीं की एक रिटायर कर्मचारी कटोरा लेकर सड़क पर भीख मांगेगा. वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि सरकार की चमचागिरी कर रहे

अफसर चैनलों पर आकर एनपीएस के फायदे बता रहे हैं, उनसे मैं इतना कहना चाहता हूं कि अगर NPS इतनी अच्छी है तो इसे शीघ्र ही विधायिका में भी लागू किया जाए.

विशिष्ट अतिथि पंडित श्याम नारायण शुक्ला और अशोक पांडे ने कहा कि हम सरकार से कोई चांद, तारा नहीं बल्कि अपना अधिकार मांग रहे हैं. 

अगर यह सरकार हमारा अधिकार नहीं देगी तो हम कहना चाहते हैं कि याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा. 

इस अवसर पर वरुण वर्मा बैरागी गोविंद, इंजी. अनिल किशोर पांडे, इंजी. राजकुमार इंजीनियर, निधि त्रिपाठी, कृष्णमोहन गुप्ता, कनिष्क गुप्ता,

यशवीर श्रीवास्तव, जामवंत पटेल, तारकेश्वर शाही, अमरनाथ, बलराम सहित तमाम कर्मचारी नेता उपस्थित रहे.

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