गोरखपुर में फैला है हॉस्पिटल माफियाओं का जाल, 15 से 25 हजार रुपये में बिकते हैं गंभीर मरीज

गोरखपुर: शहर में सक्रिय हॉस्पिटल माफिया के आगे स्वास्थ्य व्यवस्था पंगु नजर आ रही है. जिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास सक्रिय गिरोह के सदस्य

अच्छे उपचार का झांसा देकर 15 से 25 हजार रुपये में मरीज को निजी अस्पताल संचालकों को बेच रहे हैं. बदमाशों का कई गिरोह भी यह धंधा कर रहा है.

इनकी अदावत में कमिश्नर, डीआइजी और जिला अस्पताल के बाहर वारदात हो चुकी है. पुलिस व प्रशासन पिछले छह माह में अवैध रुप से चलने वाले 35 हॉस्पिटल पर कार्रवाई किए जाने का दावा कर रहा है लेकिन कहीं पर भी इसका असर नहीं दिख रहा है.

डीआईजी बंगले के सामने फायरिंग कर फैलाई दहशत:

29 जुलाई की सुबह डीआइजी बंगले के सामने स्थित हॉस्पिटल के सामने फायरिंग से हड़कंप मच गया था. इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि हॉस्पिटल माफिया के बीच चल रही अदावत में यह वारदात हुई है.

मरीज को अस्पताल भेजने के बाद कमिशन न मिलने पर एक गुट के लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है. घटना के बाद सक्रिय हुए प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने जांच कराई तो पता चला कि पेशेवर बदमाश अब अवैध हॉस्पिटल चला रहे हैं.

निजी एंबुलेंस चालकों की मदद से उन्होंने अपना गिरोह बनाया है जो जिला अस्पताल व बीआरडी में परेशान मरीज व उनके तीमारदार को झांसा देकर अपने नेटवर्क के अस्पताल पहुंचाता है जहां पहुंचते ही वसूली शुरू हो जाती है.

माफिया के निशाने पर होते हैं इन जिलों के मरीज:

हॉस्पिटल माफिया के निशाने पर देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बिहार, बस्ती, सिद्धार्थनगर और नेपाल से आने वाले मरीज होते हैं.

डीआइजी ने हॉस्पिटल माफिया व उनके नेटवर्क से जुड़े लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के आदेश दिए लेकिन मामला कुछ दिन बाद ठंडा पड़ गया.

25 अक्टूबर की शाम को निजी हॉस्पिटल के संचालक से हर माह 20 हजार रुपये रंगदारी मांग रहे गिरोह के सदस्यों ने संचालक की पिटाई कर चेन लूट ली.

हॉस्पिटल माफिया के बीच चल रही अदावत में वर्ष 2018 में कमिश्नर आवास के पास दो गुट के बीच फायरिंग हुई थी.

इस मामले में कार्रवाई करते हुए कैंट थाना पुलिस कारबाइन के साथ एक सफेदपोश को पकड़ा था जबकि वारदात में शामिल दो आरोपितों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था.

जिले में पंजीकृत हैं 735 हॉस्पिटल:

स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में जिले में कुल 735 हॉस्पिटल पंजीकृत हैं. जिलाधिकारी के आदेश पर अप्रैल से सितंबर 2022 के बीच स्वासथ्य विभाग के

अधिकारियों ने 98 हॉस्पिटल की जांच की जिसमें 35 अपंजीकृत मिले. सीएमओ के निर्देश पर इन हॉस्पिटलों को सील कर दिया गया.

दो माह पहले बीआरडी मेडिकल कालेज में डेंगू का उपचार कराने आयी गोपालगंज जिले की महिला को हॉस्पिटल माफिया झांसा देकर निजी अस्पताल लेकर चले आए.

उपचार के नाम पर एक दिन में उसके पति से 40 हजार रुपये वसूल लिए गए. रुपये खत्म होने पर हॉस्पिटल माफिया के साथियों ने महिला व उसके पति को बाहर कर दिया तथा बिल मांगने पर पिटाई कर दी.

क्या कहते हैं अधिकारी?:

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि हास्पिटल माफिया पर प्रभावी कार्रवाई की योजना बनाई गई है. रंगदारी मांगने, मरीज की खरीदने और बेचने वालों को चिन्हित कर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त कराई जाएगी.

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