गोरखपुर: 2 जून, 2021 को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) गोरखपुर के जिलाध्यक्ष अंशुमान पाठक ने कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी प्रभारी आदरणीय प्रियंका गाँधी जी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि-
“संगठन का संघर्ष रंग लाया है, सीबीएसई बोर्ड ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी है. प्रियंका जी हमेशा से ही कोरोना काल में परीक्षा करवाने की विरोधी रही हैं.
CBSE की तरह राज्यों के बोर्डों को भी छात्रों, अभिवावकों, शिक्षकों की बात सुनकर 12वीं की परीक्षा के संदर्भ में छात्र-हितैषी निर्णय लेने चाहिए।
मेरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, शिक्षा मंत्रियों से अपील है कि अपने निर्णयों में छात्रों की आवाज, उनके स्वास्थ्य की रक्षा को महत्व दें।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 2, 2021
उन्होंने हर जगह सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक परीक्षा रद्द करवाने के लिए मुहीम छेड़ी थी जिसमें एनएसयूआई ने उनका साथ दिया था.”
एनएसयूआई इस जीत के लिए आदरणीय प्रियंका गाँधी जी का ह्रदय से धन्यवाद करती है कि उन्होंने देश के छात्रों की पीड़ा को समझा तथा उनके हक में आवाज़ बुलंद की.
अंशुमान पाठक ने बताया कि जब पूरा देश कोरोना महामारी के डर से घरों में कैद था उस वक्त एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज कुंदन जी ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए पीपीई किट पहनकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर छात्रों की आवाज़ बुलंद करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था.
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष का कहना है कि कोरोना काल में फिज़िकल उपस्थित दर्ज कराकर परीक्षा लेना गलत होता और इस बात को यह गूँगी, बहरी छात्र विरोधी सरकार भी जानती थी.
लेकिन यह लोग जबरन तानाशाही करके छात्रों को मौत के मुंह में धकेल रहे थे लेकिन प्रियंका गाँधी जी ने छात्रों की पीड़ा को समझते हुए सोशल मीडिया पर छात्रों के साथ मिलकर आवाज़ बुलंद किया
तथा एमएचआरडी को पत्र के माध्यम से चेतावनी दी जिसके बाद इस तानाशाही सरकार को झुकना पड़ा. यह जीत तमाम छात्रों एवं कांग्रेस परिवार की है.
हम सदैव छात्रों के हक में आवाज़ उठाते रहेंगे तथा छात्रों पर किसी भी प्रकार का जुल्म बर्दाश्त नही करेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार से भी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं तुरंत रद्द करने की मांग करते हैं.
एनएसयूआई पहले सुरक्षा बाद में परीक्षा के जरिए प्रदेश सरकार से यह अपील करती है कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले सभी छात्रों का वैक्सीनेशन किया जाए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रखा जा सकें.