- प्रधानमंत्री के राज्यसभा में दिए बयान पर भडके कर्मचारी, आंदोलन की तैयारी–रूपेश
- ब्रिटिश हुकूमत भी नहीं छीन पाती थी पेंशन का अधिकार, अपने ही सरकार में कर्मचारी लाचार–अश्वनी
गोरखपुर: पीएम मोदी द्वारा राज्यसभा में पुरानी पेंशन पर दिए बयान को लेकर ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ की एक आवश्यक बैठक
परिषद के कैम्प कार्यालय तुर्कमानपुर बर्फखाना पर संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव एवं संचालन मंत्री श्री अश्वनी ने किया.
बैठक को संबोधित करते हुए रुपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने राज्यसभा में दिए हुए अपने बयान में पुरानी पेंशन को गलत रास्ता बता कर कर्मचारियों और शिक्षकों के आशाओं आकांक्षाओं पर पानी फेरा है.
अगर पुरानी पेंशन गलत रास्ता है तो माननीय प्रधानमंत्री जी खुद से क्यों ले रहे हैं.? देश के हजारों विधायक, हजारों सांसद इसका लाभ क्यों ले रहे हैं.
यदि यह गलत रास्ता है तो प्रधानमंत्री जी पहले खुद सही रास्ते पर चलें और पुरानी पेंशन को छोड़ें अन्यथा एक राष्ट्र, एक पेंशन की व्यवस्था बनाएं.
प्रधानमंत्री के इस बयान पर अब कर्मचारी समाज आंदोलन करने को मजबूर है और इसी तारतम्य में देश के करोड़ों-करोड़ कर्मचारी अब आंदोलन का रास्ता अपना लिए हैं, जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है.
10 -20 फरवरी तक महामहिम राष्ट्रपति महोदय को कर्मचारीयो और उनके परिजनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु ऑनलाइन पिटिशन भेजा जाएगा.
21 फरवरी को प्रदेश के सभी रेलवे कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. 21 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों के जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन होगा.
22 मार्च से 21 अप्रैल तक जिले के सभी कार्यालयों के गेट पर गेट मीटिंग/ प्रदर्शन होगा. 21 मई को कर्मियों और उनके परिजनों द्वारा जिला मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा.
21 जून को प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में महारैली का आयोजन किया जाएगा और जुलाई-अगस्त में मानसून सत्र के समय देश के सभी कर्मचारी उनके परिजन दिल्ली में मेगा रैली करेंगे.
संचालन कर रहे मंत्री श्री अश्वनी ने कहा कि पेंशन कर्मियों का संवैधानिक अधिकार है. यह ऐसा अधिकार है जिसे ब्रिटिश हुकूमत भी हमसे नहीं छीन पाई थी
लेकिन बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आज अपने ही सरकार में हमारे इस हक को छीन लिया गया. परिषद के उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा कि
“देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो पुरानी पेंशन के बगैर यह आजादी का अमृत काल कर्मचारियों के लिए विष के समान बना हुआ है.”
हम अपने प्रधानमंत्री से यह पुनः आग्रह करेंगे कि वह इस पर विचार करें और शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करें अन्यथा कर्मचारी अपने हक को लड़कर भी लेना जानता है.
बैठक मै वरुण बैरागी, अरुण द्विवेदी, गोविंद जी, शब्बीर अली, कृष्ण मोहन गुप्ता, अशोक पांडेय, फुलई पासवान, रामधनी पासवान,
डा० एसके विश्वकर्मा, रमेश भारती, समसुल जहां, राजकुमार सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.