गोरखपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पुनः पत्र लिखकर पूर्वांचल गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने अवगत कराते हुए बताया है कि ‘पेट पर लगा कर, ‘पथकर’ तोड़ो, ‘शिक्षा,
चिकित्सा, रेल संचार ‘एक समान व ‘शुल्क रहित’ करने का एलान कीजिए नहीं तो अब महंगाई मरेगी या मैं मरूंगा. इन होंने पीएम मोदी की वर्तमान सत्ता को ‘अमानवीय सत्ता’ करार देते हुए कहा है कि
“मैं 1 मिनट भी इसे सह नहीं सकता हूँ. आज़ ‘कर’ एवं ‘कीमतों’ का अंत मेरा धर्म बन गया है. इसलिए 8 अगस्त अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की महान क्रांति’ के दिन प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण पर अनशन करूंगा.”
पूर्वांचल गांधी ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि आटा, चावल, गेहूं, दाल, तेल, चीनी, दवा पर टैक्स समाप्त करे क्योंकि यह क्रूरता तथा एक तरह का अपराध है, जीवन के अधिकार अनु. 21 की हत्या है. 28% जीएसटी लूट है.
निजी गाड़ियों पर लगने वाले टोल टैक्स को समाप्त करें क्योंकि कहीं आने-जाने की यह स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की हत्या है.
भारी ट्रैकों पर टोल टैक्स ₹1 प्रति KM लें, 500 से ₹900 टोल टैक्स खुली एवं बेशर्म लूट है जब इतना टोल टैक्स लेंगे तो महंगाई कैसे रुकेगी?
शिक्षा, चिकित्सा, रेल ‘एक समान’ एवं ‘शुल्क रहित’ करें ताकि गरीब और अमीर सभी एक विद्यालय में पढ़ सकें, एक चिकित्सालय में अपना इलाज करा सकें.
सरकार हमारी चमड़ी उधेड़ना बंद करे. क्या आजादी इसी के लिए मिली है कि सरकार कर एवं कीमतों के कोड़े से हमारी चमड़ी उधेड़ती रहे? हम कर एवं कीमत चुकाते मर जाएँ? क्या संविधान इसकी अनुमति देता है? मेरे सैकड़ों पत्र और ज्ञापनों का कोई जवाब नहीं मिलता क्यों?
मुझे शांतिपूर्ण सत्याग्रह करने दें, मुझे रोकने या घर में कैद करने से अच्छा है कि मेरे ऊपर झूठे मुकदमे लगाकर कारागार में डाल दे जैसे अंग्रेज क्रांतिकारियों को डाल देते थे.
मेरी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करें वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री की है क्योंकि ‘कर’ एवं ‘कीमतों’ के आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स’ को मै उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने अंग्रेजों का नमक कानून तोड़ा था.
यहाँ बता दें कि अपने इस कि अपने इस पत्र की कॉपी को इन्होंने परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, प्रधानमंत्री सहित, गृह मंत्री, वित्त मंत्री, भूतल परिवहन मंत्री तथा वरिष्सठ समाजसेवी अन्ना हजारे को भी भेजा है.