- ‘प्रधानमंत्री’ आवास ‘7 लोक कल्याण पथ’ पर 16 अगस्त’ को किया जाने वाला ‘सत्याग्रह’ स्थगित
गोरखपुर: पूर्वांचल गांधी कहे जाने वाले डॉ. सम्पूर्णानन्द मल्ल ने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव में ‘आपके चुनावी कार्यक्रम “चाय पर चर्चा” का संचालन गोरखपुर में मैंने किया था.
इस आशा के साथ कि बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार और महंगाई ‘मिटा देंगे देश में’ नाम अरिष्टोक्रेटिक गवर्नमेंट’ बनेगी परंतु आपने क्या किया?
भगत सिंह, गांधी, अंबेडकर का यह महान मुल्क बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार, नफरत में तब्दील हो गया. अपने पेट एवं “पथ” पर “कर” लगा दिया गया.
शिक्षा, चिकित्सा, रेल कर ‘एवं कीमतें’ बढ़ा दी गई. 5 किलो अनाज पर जीने वाले 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जिनके पास फूटी कौड़ी नहीं है, जीवन की ज़रूरतें कैसे जुटाएंगे?
इसीलिए मैं बार-बार निवेदन करता हूं ‘प्राण’ और पथ’ पर ‘शिक्षा’ चिकित्सा’ रेल’ पर कर’ एवं कीमतें समाप्त कर दीजिए अन्यथा मैं इसे उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने अंग्रेजों का नमक कानून तोड़ा था.
बताते चलें कि उपरोक्त विषय को लेकर डॉ मल्ल द्वारा 16 अगस्त को प्रधानमंत्री आवास दिल्ली में सत्याग्रह करने वाला थे किन्तु अचानक तबियत बिगड़ जाने के कारण सदर हॉस्पिटल,
गोरखपुर के वार्ड नंबर 4 में भर्ती होना पड़ा. बीमारी की इस अवस्था में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्वस्थ होने तक, सत्याग्रह स्थगित करता हूं.
दरअसल 11 अगस्त, शाम 5 बजे गांधी प्रतिमा जीपीओ हजरतगंज लखनऊ में सत्याग्रह के दौरान सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी, सांस फूलने लगा गोरखपुर जिला चिकित्सालय हृदय रोग विभाग आईसीसीयू में भर्ती कराया गया.
वहां से आज प्राइवेट वार्ड कमरा नंबर 4 में शिफ्ट किया गया जाँच में जो रिपोर्ट आई है उसमें ECG नॉर्मल है, ब्लड रिपोर्ट्स कल मिलेंगे, एक्सरे रिपोर्ट में फेफड़ों में सूजन है.
सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था?
- जीवन ‘स्वतंत्रता ‘संविधान’ की रक्षा सहित आटा, चावल, गेहूं, दाल, तेल, चीनी, दवा, दही, दूध, दवा, जीवन है प्राण है पर जीएसटी समाप्त करना
2. शिक्षा, चिकित्सा, रेल, संचार एक समान एवं शुल्क रहित करना, बुढ़ापे का “प्राण पेंशन” बहाल करना
3. निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त करना क्योंकि यह कहीं जाने की स्वतंत्रता की मौलिक अधिकार की हत्या
पूर्वांचल गांधी ने प्रधानमंत्री से कार्यवाही के लिए अपील करके बताया है कि कर एवं कीमतों में वृद्धि के सभी आदेश वापस ले लें क्योंकि जीवन ‘एवं मानवता ‘पल-पल मर रही है.
संभव हो तो ‘स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण से पूर्व करें ताकि हम भी महसूस कर सकें कि ‘कर’ एवं ‘कीमतों’ की दासता के बाहर आजादी में जीते हैं.
मुझे कड़ी सुरक्षा दी जाए वही जो देश के प्रधानमंत्री को दी गई है क्योंकि कर एवं कीमतों’ में वृद्धि से पैदा महंगाई’ ने अपराध का रूप ले लिया है.
जहां भी मै सत्याग्रह के लिए जाता हूं सरकार पुलिस बल खड़ा करके मेरे ‘सत्याग्रह’ को दबाने के लिए ‘पुशबैक’ करती है. परंतु मेरे जीवन की सुरक्षा में एक सिपाही तक नहीं होता मैं प्रतिपल असुरक्षित हूं.