ramesh rajdar

गोरखपुर:मिली सूचना के मुताबिक राशन कार्ड सेरेंडर को लेकर रोज नई-नई खबरें पढ़ने और सुनने को मिल रही हैं.

इसके कारण अफरा-तफरी का माहौल है जिसको नियंत्रित करने के लिए डीएम गोरखपुर ने खुद ही इस पर से पर्दा हटाया है ताकि सही जानकारी लोगों तक पहुंच सके.

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि फ़िलहाल शासन व प्रदेश सरकार द्वारा राशन कार्ड सरेंडर करने अथवा उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है.

इस संबंध में सोशल मीडिया द्वारा प्रचारित भ्रामक तथ्यों व खबरों का खण्डन करते हुए जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द

ने कहा कि-“राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है.”

उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है.

सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी, राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि-“सरकारी योजनान्तर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक,

मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्ड धारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है.”

इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है

और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं.

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