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गोरखपुर: ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में परिषद के पदाधिकारियों ने सिंचाई विभाग में 25 दिनों

से चल रहे धरने (जो अब क्रमिक अनशन में बदल चुका है) को समर्थन देने आज फिर मुख्य अभियंता गंडक कार्यालय पहुंचे.

यहां बताते चलें कि सिंचाई विभाग के निष्कासित कर्मचारी अब मुख्य अभियंता गंडक कार्यालय के सम्मुख चौबीसों घंटे क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.

उक्त क्रमिक अनशन को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि

“मुख्यमंत्री के शहर में कर्मचारियों पर कहर ढाया जा रहा है. यह कर्मचारी कोई लाल किला या ताजमहल नहीं मांग रहे हैं,

वह अपने हक की रोटी के लिए 25 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस कड़कड़ाती ठंड में वह 24 घंटा धरना स्थल पर मौजूद रहकर क्रमिक अनशन कर रहे हैं.”

मै अपने मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध करना चाहता हूं कि इस प्रकरण पर वह तत्काल संज्ञान लेते हुए सभी कर्मचारियों को उनकी सेवा पर वापस करने की कृपा करें.

परिषद के उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों के अनुसार माननीय उच्चतम न्यायालय का आदेश सर्वोपरि होता है

लेकिन विडंबना यह है कि माननीय मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में सिंचाई विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं.

कर्मचारियों को इस कड़कड़ाती ठंड में मरने के लिए धरने पर छोड़ देना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. हम अपने यशस्वी मुख्यमंत्री पूज्य महाराज जी

से यह अनुरोध करते हैं कि वह सिर्फ इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए कर्मचारियों के साथ न्याय करें तथा भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

धरने की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कर्मचारी नेता शिवानंद श्रीवास्तव और सिंचाई विभाग के मंडल अध्यक्ष विवेकानंद पांडे ने परिषद के पदाधिकारियों के प्रति आभार जताया.

धरने को बंटी श्रीवास्तव, जामवंत पटेल, शब्बीर अली खान आदि कर्मचारी नेताओं ने भी संबोधित किया. अनशन में विवेकानंद पांडेय, वरुण बैरागी,

शब्बीर अली, बासुकीनाथ तिवारी भारतेंदु यादव, राजेश सिंह, इजहार अली, कनिष्क गुप्ता विनीता सिंह यशवीर श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, शशि भूषण, डॉ० एस के विश्वकर्मा सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.

 

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