- पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सभी कर्मचारी/शिक्षक सरकार के खिलाफ वोट करने को होंगे बाध्य: विनोद राय
गोरखपुर: ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आज जनपद शाखा गोरखपुर के सभी पदाधिकारी और संबद्ध संगठनों के
पदाधिकारियों/कर्मचारियों ने पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ भवन पर पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए प्रदर्शन कर अपना दम–खम दिखाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव और संचालन उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ल ने किया.
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर राजेश सिंह उपस्थित रहे. यहाँ बैठक को संबोधित करते हुए रूपेश कुमार और राजेश सिंह ने कहा कि
“सरकार पेंशन की नई परिभाषा गढ़ रही है, पुरानी पेंशन देने से आर्थिक संकट आ जाएगा जबकि यह बात पूर्णतया गलत और संविधान विरुद्ध है.
कर्मचारियों के पेंशन को संविधान में उनके मौलिक अधिकार में रखा गया है. गुलामी के समय ब्रिटिश शासन में भी कर्मचारियों को पेंशन मिलती थी.”
एक तरफ सरकार कहती है कि हम विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं, दूसरी तरफ पेंशन बंद कर अपने कर्मचारियों को बुढ़ापे में दर-दर ठोकर खाने को छोड़ दिया है.
2024 के चुनाव में देश के कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनर, अर्धसैनिक बल, रेलवे, पोस्टल, आयकर, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य सहित
सभी केंद्रीय और राज्यकर्मी शिक्षक अपने परिवार सहित सरकार के विरुद्ध वोट करने को बाध्य होंगे. देश में तमाम अरबपति/खरबपति, उद्योग,
फिल्म और कला जगत के लोग हैं जो एक बार सांसद बनकर पेंशन ले रहे हैं. ऐसे लोगो की पेंशन तुरंत बंद होनी चाहिए.
कार्यक्रम का संचालन कर रहे मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि देश अगर आर्थिक संकट में है तो माननीय को चार-चार, पांच-पांच पेंशन क्यों दी जा रही हैं.?
अब देश में वन नेशन, वन पेंशन की व्यवस्था की बनाए जाने की जरूरत है. इस अवसर पर एके सिंह, पंडित श्याम नारायण शुक्ला, अशोक पांडे,
वरुण बैरागी, प्रभाकर मिश्रा, सुनील सिंह, तारकेश्वर शाही, फुलई पासवान, ओंकार नाथ राय, प्रभुदयाल सिन्हा, जामवंत पटेल, कनिष्क गुप्ता,
इजहार अली, दीपक चौधरी, देवेश कुमार सिंह, निशांत यादव, डीएस चौधरी, डीके तिवारी, कुलदीप मणि त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित रहे.