- मां होगी नेक तभी बेटा गौस पाक जैसा: मौलाना हाशिम अशरफी
- सारे वलियों के सरदार हैं गौसे आजम: अल्हाज खुर्शीद आलम खान
गोरखपुर: ‘गौस का जिस पर हो गया साया, रब का सहारा उसने पाया, गम के मारो गम से न हारो, गौस पिया को दिल से पुकारो’
पीरान-ए-पीर दस्तगीर हजरत गौस पाक अब्दुल कादिर जिलानी (रजी.) की उल्फत में अकीदतमंद मंगलवार को अल्हाज खुर्शीद आलम खान की जानिब से
इलाहीबाग (आगा मस्जिद) तिवारीपुर गोरखपुर में आयोजित जश्ने गौसुलवरा प्रोग्राम में रातभर लोग मचलते रहे, गौसे पाक का नारा लगाते रहे.
‘गौस पाक’ कार्यक्रम में शायरे इस्लाम ने पूरी रात मनकबत और नात शरीफ पढ़कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
मजमे के कोने-कोने से या गौस का नारा गूंजता रहा. प्रोग्राम की शुरुआत कारी मोहसिन रजा की तिलावत से हुई जबकि नात शरीफ का नजरान-ए-अकीदत इब्नुल हुदा साबित रजा बिहारी ने पेश किया.
सदारत मुहम्मद अफजल बरकाती, सरपरस्ती कारी रईसुल कादिरी, कयादत मुफ्ती मुनव्वर रजा ने की. मेहमान-ए-खुसूसी मुबारक खां शहीद रहमतुल्लाह अलैह दरगाह के सदर इकरार अहमद थे.
जबकि कार्यक्रम के बानी अल्हाज खुर्शीद आलम खान ने सभी लोगों का खैरमकदम किया. गौसे आजम के प्रोग्राम में कानपुर से पधारे
मौलाना मुहम्मद हाशिम अशरफी ने कहा कि गौस पाक का मर्तबा बुलंद है. मां के शिकम (पेट) में ही उन्होंने कुरान को कंठस्थ कर लिया था.
मां जब कुरान की तिलावत करती, वे याद करते थे. उन्होंने कहा कि मां नेक होगी तभी बेटा हजरत गौस पाक जैसा होगा.
उन्होंने कहा कि गौसुलवरा का प्रोग्राम सभी के जिन्दगी में एक नया इंकलाब के साथ ईमान को ताजा करता है. इस तरह के दीनी प्रोग्राम से
लोगों को दीन और दुनिया की तालीम हासिल होती है जिसकी बदौलत लोगों को ज़िन्दगी जीने का सलीका मालूम होता है.
इस अवसर पर मऊ, गाजीपुर से तशरीफ़ लाए मौलाना आरिफ रजा खान ने कहा कि गौसे पाक ऐसे अल्लाह के वली हैं, जिनका डंका कयामत तक बजता रहेगा.
उन्होंने कहा कि गौस की करामात किसी से छिपी नहीं है. अल्लाह तआला ने उन्हें इतनी ताकत बख्शी है कि वह दुनिया में हर परेशानी को दूर करते हैं.
कार्यक्रम के मेहमान-ए- खुसूसी हजरत मुबारक खां शहीद रहमतुल्लाह अलैह दरगाह गोरखपुर के सदर इकरार अहमद ने कहा कि
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“जश्ने गौसुलवरा का जश्न मनाना अपने आप में खुशनसीबी है. गौसे पाक इराक के जिलान में पैदा हुए लेकिन पूरी दुनिया में उनकी चर्चा हो रही है.
अल्लाह तआला फरमाते हैं कि अगर सिर्फ जीलान के लिए उन्हें गौस बनाता तो जीलान में ही उनकी चर्चा होती लेकिन गौसे पाक को
सारी दुनिया के लिए गौस बनाकर भेजा, इसलिए पूरी दुनिया में गौस पाक का जिक्र होता है और ता कयामत तक होता रहेगा.”
कार्यक्रम संयोजक अल्हाज खुर्शीद आलम खान ने कहा कि हुजूर गौसे पाक पैदाइशी वली हैं. वह सारे वलियों के सरदार हैं.
उन्होंने कहा कि सरकारे औलिया महबूबे सुब्हानी, कुत्बे रब्बानी सैयदना शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौसे आजम बगदादी की जिन्दगी से सभी को सीख लेने की जरूरत है.