गोरखपुर, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य, हरिनाथ भाई ने समाधान वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित मकर संक्रांति के अवसर पर “भिक्षाटन मुक्त भारत अभियान”
की श्रंखला में सेवा कार्य के दौरान बताया कि-“भारत में भीख मांगने वाले जगह-जगह चौराहों पर दिखाई देते हैं. यह एक कलंक है, अपराध है और एक चिंतनीय विषय भी है.”
उन्होंने कहा कि इसके दो पक्ष है- एक भीख मांगने वाला जिसके खाने-पीने के सारे रास्ते किसी ना किसी तरह से बंद हो जाए और दूसरा जब वह भूखमरी के कगार पर हो.
ऐसे वक्त में उसे जब कहीं शरण और मदद नहीं मिलती तो वह समाज के सामने चौराहे पर खड़ा होकर हाथ फैलाता है. वह मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों के सामने जब हाथ फैलाता है तो लोग दया करके उसे कुछ न कुछ देते ज़रुर हैं.
इसके अलावा भिक्षाटन में व्यवसायीकरण से आज प्रेरित होकर लोग भीख मांगते हैं, उनका एक नेटवर्क और गिरोह है. ऐसे भीख मांगने वालों की संख्या भारत में 90% है जिसमें 10% वह हैं जो दिव्यांग की श्रेणी में आते हैं.
भीख के नाम पर आज जो अपराध हो रहा है, उसके लिए सरकार और समाज दोनों समान रुप से जिम्मेदार हैं. संस्थाओं और बुद्धिजीवी वर्ग का यह दायित्व बनता है कि इसके खिलाफ
एकजुट होकर अभियान छेड़े और जो धंधेबाज हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि- समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा रामकृष्ण शरण त्रिपाठी जी ने यह जो अभियान चलाया है उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.
आज समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा जगह-जगह खिचड़ी खिलाई गई, सबको प्रसाद दिया गया और उन्हें चिन्हित किया गया. उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी भी यह चाहते हैं कि “भारत भिक्षाटनट मुक्त” हो
उसकी शुरुआत गोरखपुर और उत्तर प्रदेश से हो. उन्हें समाधान फाउंडेशन को आश्वासन प्रदान करते हुए कहा कि आपके इस प्रयास को मैं साधुवाद देता हूं.
मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “जब भी हम कोई रचनात्मक कार्य करते हैं तो मीडिया उसका खुलकर सपोर्ट करती है. यह संदेश आप के माध्यम से आमजन तक पहुंचेगा, मुझे विश्वास है कि मेरा भारत एक दिन “भिक्षाटन मुक्त भारत” होगा.
कार्यक्रम का शुभारम्भ विष्णु मंदिर, असुरन चौक से किया गया तथा गरीब असहायओं को संस्था की तरफ से खिचड़ी व कंबल वितरित किए.
समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव व “भिक्षाटन मुक्त भारत अभियान” अध्यक्ष रामशरण शरण मणि त्रिपाठी “मणि जी” ने कहा कि-
“देश और समाज के लिए कुछ करना सौभाग्य की बात है. समाज सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है, समाज सेवा करने से आत्म संतुष्टि मिलती है.” इस कार्यक्रम में दीपमाला सोशल वेलफेयर ट्रस्ट का भी विशेष सहयोग रहा.