शासन को 100 से अधिक पत्र लिखने वाले समाजविद, पर्यावरणविद् दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी पूर्वांचल गांधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल भीतर से
इतनी अधिक दुखी हैं कि उन्होंने 1 अप्रैल, 2024 को ‘वाराणसी सत्याग्रह’ का ऐलान कर दिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि यह पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार
द्वारा खाने-पीने की वस्तुओं जैसे-आटा, चावल, गेहूं, दाल, तेल, चीनी, दवा, हवा पर जो जीएसटी लगाया है, उसको समाप्त करने सहित शिक्षा, चिकित्सा, जनसंचार को मुफ़त करने से लेकर
निजी गाड़ियों पर लगने वाले टोल टैक्स को समाप्त करने के लिए लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं. इनका कहना है कि भाजपा सरकार द्वारा यह सभी नीतियां
आर्बिट्रेरी ऑर्डर्स हैं जो प्रतिदिन मानव जीवन को कमजोर करके विकलांग बना रही हैं. 142 करोड लोगों में 545 लोकसभा सांसद तथा 243 राज्यसभा सांसदों से
बिना परामर्श करके ऐसे कानून भारतीय जनमानस पर थोप रही है, हमारे हिस्से का लोकतंत्र इसकी वजह से कहीं खो गया है.
पीएम मोदी को संबोधित करते हुए इन्होंने कहा है कि आप मुझे बनारस सत्याग्रह के लिए विवश ना करें. इसके लिए मैं मन से तैयार नहीं हूं क्योंकि यदि बनारस सत्याग्रह
हुआ तो आपकी सत्ता का पतन हो जाएगा तथा जो अन्य लोग सत्ता में आएंगे उनमें से भी अधिकांश का जीवन मानवता, संविधान से कोई लगाव नहीं है.
वह भी बलात्कार, हिंसा और लूट में लिप्त हैं. मुझे सिर्फ भगत सिंह के समाजवाद, अंबेडकर का संविधान तथा गांधी का सत्य और अहिंसा चाहिए.
भारत को बेरोजगारी, गरीबी, विषमता तथा महंगाई में झोंकने वाली सत्ता का पतन चाहिए. मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण झूठ, हिंसा, अत्याचार शोषण के विरुद्ध रहा है. मैं इसे जब तक जीवित रहूंगा विरोध करता रहूंगा.
आपको बता दें कि पूर्वांचल गांधी डॉ मल्ल ने राष्ट्रपति महोदया, माननीय गृह मंत्री, भूतल परिवहन मंत्री, वित्त मंत्री तथा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश
सहित जिलाधिकारी गोरखपुर, एसएसपी गोरखपुर को भी अपने पत्र भेज कर इस सत्याग्रह के विषय में सूचित कर दिया है.
सत्याग्रह का प्रारंभ 29 मार्च को अपने आवास गोविंद नगरी बसारतपुर गोरखपुर से करेंगे. आजमगढ़ में रात्रि विश्राम 30 को, जौनपुर में रात्रि विश्राम,
31 को काशी में रुक कर, 1 अप्रैल को ज्ञानवापी पर सत्य, अहिंसा, आधारित सत्याग्रह का आगाज होगा जो महंगाई और हिंदू मुस्लिम नफरत का पतन करेगा.