दुनिया में प्रमुख स्थान रखने वाली सोशल साइट ‘ट्विटर’ को खरीदने वाले बड़े व्यवसाई एलेन मास्क ने भारत में कर्मचारियों की छटनी करते हुए लगभग ढाई सौ लोगों को नौकरी से निकाल दिया है.
इसमें कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल सहित चार प्रमुख अधिकारी भी शामिल हैं. मेल के जरिए ट्विटर ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया था कि
ट्विटर को हेल्थी रास्ते पर लाने के लिए शुक्रवार को ग्लोबल वर्कफोर्स को कम करने की कठिन प्रक्रिया से गुजरा जाएगा.
ट्विटर का आधा स्टाफ़ ये तय करने में लगा रहता था कि किसका अकाउंट वेरिफ़ाई करना है और किसका नहीं। अब ब्लू टिक का पूरा सिस्टम ऑटोमैटेड पेमेंट आधारित हो रहा है, तो इन लोगों के पास कोई काम नहीं बचा। एक हफ़्ते में पूरा पब्लिक पॉलिसी डिपार्टमेंट ख़त्म हो रहा है। भारत में 200 की छँटनी। pic.twitter.com/fNEwgKmja6
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 4, 2022
इस कार्यवाही में भारत के लगभग ढाई सौ कर्मचारियों को तत्काल उनके पद से हटा दिया गया है. यह सभी टि्वटर मोमेंट्स फीचर के लिए कंटेंट तैयार करने का काम करते थे.
इसके अतिरिक्त कम्युनिकेशंस, ग्लोबल कंटेंट पार्टनरशिप, सेल्स तथा एड्, रेवेन्यू, इंजीनियरिंग एवं प्रोडक्ट्स पर भी गाज गिरी है.
इस विषय में ट्विटर से निकाले गए कर्मचारियों ने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कुछ कर्मचारियों को रिटेन रखा गया है.
जो फुल टाइम रोल पर कंपनी में कार्यरत नहीं थे, वहीं कंपनी की पब्लिक पॉलिसी टीम में रहे यस अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि
अभी-अभी मुझे निकाल दिया गया है. मुझे इस टीम और इस कलचर का हिस्सा बनने पर गर्व है. इस टीम का हिस्सा बनना सम्मान की बात है.
बताते चलें कि ट्विटर के द्वारा की गई यह छटनी अभी पहले राउंड की है. भविष्य में और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.
फिलहाल इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को निकाले जाने के कारण की बात करें तो पता चलता है कि 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर
में ट्विटर के अधिग्रहण को अपरिहार्य बनाने तथा मंदी के असर से कंपनी को बचाने के लिए ऐसे कदम उठाए गए हैं.