गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा देने आई एक लड़की जो बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा थी, के गृह विज्ञान विभाग के स्टोर रूम में आत्महत्या कर लेने की घटना सामने आई है.
सोचने का विषय यह है कि विश्वविद्यालय में इतनी बड़ी घटना हो जाती है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन को इसका कुछ पता नहीं चल पाता है.
फिलहाल मृतक छात्रा की पहचान प्रियंका कुमारी के रूप में हुई है, वह गोरखपुर शहर के पादरी बाजार की रहने वाली है. मृतका के पिता का नाम विनोद कुमार है तथा उसकी तीन बहने हैं
जिनमें बड़ी बहन मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट है. हालाँकि उसने आत्महत्या क्यों किया यह अभी भी रहस्य बना हुआ है. आपको बता दें कि प्रियंका परीक्षा देने आई थी किंतु वह अपनी सहेलियों को छोड़कर होम साइंस विभाग के स्टोर रूम में जाकर फांसी लगा ली.
विश्वविद्यालय प्रशासन इस घटना के विषय में कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कह पा रहा है. सवाल यह है कि बिना प्रशासन के संज्ञान में कैसे स्टोर रुम खुल जाता है.
प्रियंका ने जहां फांसी लगाया है उस स्थल का निरीक्षण करने पर यह ज्ञात होता है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. एक सवाल और संदेह पैदा करता है कि
विश्वविद्यालय के इस विभाग में छात्रा फांसी लगाने की पूरी प्रक्रिया करती है और विभाग के किसी भी व्यक्ति को इसकी भनक तक नहीं लगती है.
दूसरा भी सवाल पैदा होता है कि यदि उसे आत्महत्या ही करना था तो फिर विश्वविद्यालय ही क्यों आई और उसने आत्महत्या किया तो विश्वविद्यालय को ही क्यों चुना?
क्या वह नवीन परीक्षा प्रणाली के दबाव में थी या इसके पीछे कोई गंभीर साजिश रची गई जिसकी आड़ में हत्या को आत्महत्या सिद्ध किया जा रहा है.
विश्वविद्यालय की सुरक्षा अगर ठीक ढंग से हो रही है तो यहां सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगे हैं. इस मुद्दे को लेकर गोरखपुर में कांग्रेस पार्टी ने शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से घटना के न्यायिक जांच की मांग किया है.
कांग्रेस का कहना है कि- “उत्तर प्रदेश में गुंडाराज हो गया है. यदि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिली तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन के लिए विवश होगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन को उठानी पड़ेगी.”
जबकि प्रियंका के पिता का कहना है कि उनकी पुत्री बहुत ही प्रतिभाशाली और खुशदिल लड़की थी आत्महत्या करने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है.