“भिक्षाटन मुक्त भारत” अभियान एवं “भिक्षुक आश्रय गृह” के साथ समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के जोनल कार्यालय का हुआ शुभारंभ

  • दया करुणा और सहयोग के पात्र हैं, बच्चे और वृद्ध -हरीनाथ भाई (सदस्य उ प्र अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग)
  • ऐसे पुनीत कार्य के लिए भगवान हमें शक्ति दें- डॉक्टर सत्या पांडेय (पूर्व मेयर गोरखपुर) 

गोरखपुर, समाधान वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा किया गया यह नवीन प्रयोग निश्चित ही सम-सामयिक समाज सेवा का उदाहरण बनेगा.

समाज के उपेक्षित और समाज के कोढ़ इन दोनों रूपों में दिखे जाने वाले “भिक्षाटन” को मजबूर बच्चें, वृद्ध, वास्तव में दया और करुणा तथा सहयोग के पात्र हैं.

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समाधान का यह प्रयास सराहनीय, वंदनीय और अनुकरणीय है. उक्त बाते बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए, सदस्य उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोग के हरिनाथ भाई ने समाधान वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित “भिक्षाटन मुक्त भारत अभियान” संकल्प कार्य योजना के शुभारंभ के अवसर पर कही.

समाधान वेलफेयर फाउंडेशन ने 12 जनवरी, 2021को “युवा दिवस” के रूप में स्वामी विवेकानंद की 158 वीं जयंती के अवसर पर “भीख नहीं सम्मान चाहिए, जीने का अधिकार चाहिए” सामाजिक मुहिम को आगे बढ़ाते हुए जो धीरे-धीरे आज एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है.

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उन्होंने कहा कि मैं समाधान परिवार को अपना विशेष सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देता हूं. शासन और प्रशासन स्तर पर जो भी समस्याएं “भिक्षाटन मुक्त भारत अभियान” संकल्प कार्य योजना के दौरान आएंगी

मैं उसका व्यक्तिगत रूप से तन, मन और धन से निराकरण करने का वचन देता हूं. इसे आगे बढ़कर दूर कराने का प्रयास करुंगा.

समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के रामकृष्ण शरण मणि त्रिपाठी की सराहना करते हुए कहा कि “मणि जी” निरंतर समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं.

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में पूर्व मेयर डॉक्टर सत्य पांडेय ने समाधान वेलफेयर फाउंडेशन के जोनल कार्यालय का उद्घाटन फीता काटकर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि

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“ईश्वर हम सब को संपूर्ण स्वस्थ शरीर देकर मानव के रूप में इस धरती पर भेजता है हम कमजोर वर्ग को सहायता देकर जो सहयोग दे सकते हैं, दें… ऐसे पुनीत कार्य के लिए ईश्वर हमें शक्ति दे.” 

आयोजक रामकृष्ण शरण मणि त्रिपाठी ने बताया कि यह जोनल कार्यालय साथ ही एक “भिक्षुक आश्रय गृह” भी है जहां पांच लोगों के रहने, खाने और सोने की पूर्ण व्यवस्था होगी.

यहां उन्हें कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे जो उन्हें आजीविका प्रदान करेंगे. इसी प्रयास के साथ आगे भी अन्य भिक्षुको को इसी तरह से जोड़ा जाएगा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए भी कार्य किया जाएगा.

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