जिला महिला चिकित्सालय गोरखपुर के सभागार में विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अपर जिला जज रामकृपाल,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दुबे, जिला महिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ जयकुमार, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी,
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अश्विनी चौरसिया, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह,
हॉस्पिटल मैनेजर डॉक्टर कमलेश व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे. CMO डॉक्टर दुबे ने बताया कि
“मां का दूध सर्वोत्तम होता है. डिब्बाबंद व कृत्रिम विधि से बनाए गए दूध का सेवन बच्चों व शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.
आज भी बहुत सी माताएं शिशुओं को स्तनपान से वंचित रखती हैं जो कि शिशु के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. स्तनपान से मां एवं शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं.”
नवजात शिशु को जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान कराना अमृत समान है क्योंकि यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए एक सरल सुगम औषधि है.
1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का उद्देश्य अधिक से अधिक शिशुओं को जन्म से लेकर 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाय,
को स्तनपान से प्रसव पश्चात मां के शरीर का सुदृढ़ीकरण एवं बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है एवं इम्यूनिटी बढ़ती है.