लखनऊ: प्राप्त जानकारी के मुताबिक माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण जारी करने का शासनादेश जारी कर दिया है.
इसके जारी होते ही लगभग 60 प्रतिशत ग्राम पंचायतों के आरक्षण में बदलाव होना तय माना जा रहा है. शासन ने सभी जिलाधिकारियों को ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों,
वार्ड मेम्बरों के आरक्षण को 18 व 19 मार्च को पूर्ण करने के साथ ही 20 मार्च से 22 मार्च के बीच प्रकाशित करने व आपत्तियों के निस्तारण के बाद 26 मार्च को अंतिम रूप से प्रकाशित करने का आदेश दिया है.
इससे पहले प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक 2015 को आधार मानते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नए सिरे से चक्रानुक्रम आरक्षण प्रक्रिया का बुधवार को निर्धारण कर दिया है.
शासन ने जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची जारी करने से किस जिले में कितनी क्षेत्र पंचायत किस श्रेणी के लिए आरक्षित होंगी, यह भी तय हो गया है.
नया बदलाव होने से कुल 16 जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण बदल गया है. अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग सीटों का आरक्षण यथावत है, केवल महिला व अनारक्षित वर्ग में ही बदलाव हुआ है.
इसके साथ ही ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों के आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी है. पंचायतीराज विभाग ने आरक्षण निर्धारण का कार्यक्रम जारी किया है.
सभी जिलाधिकारियों को 26 मार्च तक आरक्षण एवं आवंटन की अंतिम सूची का प्रकाशन कराना होगा. जिला पंचायत फीरोजाबाद, मैनपुरी, कासगंज, कन्नौज, मऊ, अमेठी,
सोनभद्र व हमीरपुर सीटें अब सामान्य से महिला वर्ग में आरक्षित हो गई हैं. वहीं अलीगढ़, आगरा, बलरामपुर, सुलतानपुर, शाहजहांपुर, मुरादबाद व बुलंदशहर महिला आरक्षण से निकलकर अनारक्षित हो गई हैं.
अन्य जिला पंचायतों में पूर्व घोषित आरक्षण बना रहेगा, 26 मार्च को आरक्षण सूची के प्रकाशन के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना भी कर सकता है.
ग्राम प्रधान आरक्षण मेंं 60 फीसद तक बदलाव संभव:
आरक्षण का नया फार्मूला लागू होने का सर्वाधिक प्रभाव ग्राम प्रधान पदों पर होने की संभावना है. माना जा रहा है कि 60 फीसद तक प्रधान पदों का आरक्षण बदल जाएगा.
इसके अलावा क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों के आरक्षण में 20 से 30 फीसद तक परिवर्तन का कयास लगाया जा रहा है. वार्ड आरक्षण इस संख्या के आधार पर नहीं, वरन क्षेत्र के आधार पर निर्धारित किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने गत 11 फरवरी को जारी शासनादेश के जरिए पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम लागू करते हुए उन पंचायतों को उस श्रेणी में आरक्षित करने के निर्देश दिए थे, जो अभी तक आरक्षित नहीं हुई थीं.
यह आरक्षण वर्ष 1995 से 2015 तक संपन्न पंचायत चुनावों में हुए आरक्षण व आवंटन को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा था, इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख व वार्ड आरक्षण कल तक : जिलों में ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख और सभी पंचायतों के वार्डों का आरक्षण प्रस्ताव जिलाधिकारियों द्वारा 18 व 19 मार्च में तैयार किया जाएगा.
20 मार्च से 22 मार्च तक ब्लाक व जिला मुख्यालयों में आरक्षण आवंटन सूचियों का अनंतिम प्रकाशन किया जाएगा,
आपत्तियां 22 से 23 मार्च तक, अंतिम प्रकाशन 26 को: आरक्षण आवंटन जारी होने के बाद 22 से 23 मार्च को आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी.
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में आपत्तियों का एकत्रीकरण के बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा निस्तारण 24 व 25 मार्च को किया जाएगा. आरक्षण आवंटन की सूचियों का अंतिम प्रकाशन 26 मार्च को किया जाएगा.
अनुसूचित जाति महिला–छह: शामली, बागपत, कौशांबी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, अनुसूचित जाति-10 : कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मीरजापुर
पिछड़ा वर्ग महिला– सात: बदायूं, संभल, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़, वाराणसी
महिला-12: बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुलतानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर, अलीगढ़
सामान्य-27: गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती,
कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फीरोजाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर, गौतमबुद्धनगर