देश के लगभग 50% गरीब बच्चे गुजरात और महाराष्ट्र की सड़कों पर मांगते हैं भीख

वैसे तो गरीबी तथा भीख मांगने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं किंतु  इसकी स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है.

केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग 9,945 गरीब बच्चे ऐसे हैं जो सड़कों पर भीख मांग कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

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वही 5,401 ऐसे बच्चे हैं जो परिवार के साथ सड़कों पर रहते हैं. इसके अतिरिक्त 4,148 बच्चों की सूची उपलब्ध है जो दिन भर अपने माता-पिता के साथ सड़कों पर रहते हैं, लेकिन शाम होने के बाद अपने घर या सलाम या नाइट सेंटर में चले जाते हैं.

इस विषय में केंद्र सरकार का कहना है कि बच्चों के बेहतर जीवन के लिए चाइल्ड प्रोटेक्शन सर्विस विषम परिस्थितियों बच्चों के पुनर्वास के लिए मिशन वात्सल्य चला रखा है.

राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता भी दी जा रही है. इनके अलावा संस्थागत और गैर संस्थागत संस्थान भी अपने-अपने ढंग से इस समस्या को मिटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं किंतु स्थिति को काबू नहीं किया जा सका है.

कुछ राज्यवार सड़कों पर जीवन गुजारने वाले बच्चों की संख्या:

महाराष्ट्र 2573, गुजरात 1990, मध्य प्रदेश 1412, कर्नाटक 1099, हरियाणा 418, जम्मू कश्मीर 256, उत्तर प्रदेश 175, पश्चिम बंगाल 122, राजस्थान 52, छत्तीसगढ़ 79

 

 

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