उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मेडिकल कॉलेज परिसर में एक कैदी ने जमकर हंगामा किया. वह इस बात पर अड़ा रहा कि पुलिस उसे लिखकर दे कि रास्ते में उसको गोली नहीं मारा जाएगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अनेक शातिर अपराधियों को या तो पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया है अथवा पुलिस की गोली से वह घायल हो चुके हैं.
यही वजह है कि हरदोई जेल से डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाए गए एक कैदी ने वापस पुलिस के साथ जाने से इंकार कर दिया.
उसने कहा कि योगी ने ना जाने कौन सी बूटी सुंघा दिया है कि पुलिस पैर पर ही गोली मारती है. ध्यान देने वाला विषय यह है कि कोतवाली पिहानी क्षेत्र में
कस्बे के मोहल्ला लोहानी के रहने वाले रिजवान पर आरोप है कि उसने 2014 में अपनी पत्नी नाजरा बेगम पर घर में ही एसिड डाल दिया था जिसके कारण वह गंभीर रूप से झुलस गई थी.
उसकी तहरीर पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए केस दर्ज करके रिजवान को जेल भेज दिया. हालाँकि जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया.
किंतु जब अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया तो वह पुलिस के डर से सीधे अदालत में आकर आत्मसमर्पण कर दिया.
ऐसा बताया जा रहा है कि रिजवान गुर्दे की बीमारी से ग्रसित है जिसके कारण केजीएमयू लखनऊ के डॉक्टर ने उसकी नियमित डायलिसिस करने की सलाह दी है.
किन्तु वह पुलिसकर्मियों से इतना डरा हुआ था कि उनके साथ एंबुलेंस में बैठने तक के लिए तैयार नहीं हुआ. वह बार-बार इसी ज़िद पर अड़ा रहा कि पुलिस लिख कर दे कि उसे गोली नहीं मारेगी.