- घटना का दोषी कोई भी हो, बचेगा नहीं-हाथरस हादसे पर वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक में बोले सीएम योगी
हाथरस: इसे भक्ति कहें या अंधभक्ति. पांव छूने की होड़ ने मौत का प्रहसन रच डाला. एक तरफ बाबा के पांव छू लेने की होड़ थी तो दूसरी तरफ सेवादारों की बंदिशें थीं.
लोग उनकी बंदिशें तोड़कर भागे और मौत की सरहद में जा धंसे. कोई धक्के से गिरा तो कोई फिसलकर, किसी का सीना कुचला तो किसी का सिर.
पता चला है कि इस भगदड़ में लगभग 134 लोगों की गई जान चली गई है. वहीं अनेक घायलों का इलाज जारी है. इस दुर्घटना में मृत परिवार को दो लाख जबकि घायलों को पचास हजार रूपये मदद की घोषणा सरकार ने किया है.
अस्पतालों में भर्ती प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उमस बहुत अधिक होने के कारण सांस लेना भारी था. इसी दौरान भगदड़ मच गई जिससे यह हादसा हो गया.
लोग मरते गए बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे:
भगदड़ के दौरान लोग मरते रहे और बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे. किसी ने भी रुककर हालात को जानने की कोशिश नहीं की.
बताया जा रहा है कि यहां से बाबा का काफिला एटा की तरफ रवाना हु्आ था. बाबा के काफिले में 10 लग्जरी गाड़ियां थीं, उनका सुरक्षा दस्ता भी तीन गाड़ियों में था.
घटना के बाद जब आयोजकों ने उन्हें फोन करने की कोशिश की तो किसी का भी फोन रिसीव नहीं हुआ. बाद में तो खुद बाबा का मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था.
जब बाबा का फोन स्विच ऑफ हुआ तो जो स्थानीय लोग आयोजन से जुड़े हुए थे, वह भी मौका देखकर भाग निकले. हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है.
यह उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था. सूरज पाल उर्फ भोले बाबा इटावा में भी लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू में तैनात रह चुका है.