BY-THE FIRE TEAM
शिकागो: हजारों सालों से हिंदुओं के प्रताड़ित रहने पर अफसोस जाहिर करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदुओं से एक होने की अपील की और कहा कि ‘‘यदि कोई शेर अकेला होता है, तो जंगली कुत्ते भी उस पर हमला कर अपना शिकार बना सकते हैं।’’
दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस (डब्ल्यूएचसी) में यहां शामिल 2500 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि- हिंदुओं में अपना वर्चस्व कायम करने की कोई आकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू समाज तभी समृद्ध होगा जब वह समाज के रूप में काम करेगा।’’
इतिहास गवाह है की हिन्दू धर्म के अनुयाइयों ने अपने त्याग के बल पर सदैव दूसरों को संरक्षण प्रदान किया है.
किन्तु आज हम अपने सिद्धांतों से दूर हुए हैं जिसके कारण कई चुनौतिया उभरी हैं जिसके निराकरण के लिए हमें पुनः एकजूट होना होगा.
आरएसएस प्रमुख ने कहा- ‘‘साथ काम करने के लिये हमें सर्वसम्मति स्वीकार करनी होगी। हम साथ काम करने की स्थिति में हैं।’’
1893 में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ की स्मृति में दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस के आयोजन पर उन्होंने अपने विचार रखे .
यह सम्मेलन हिंदू सिद्धांत ‘सुमंत्रिते सुविक्रांते’ अर्थात ‘सामूहिक रूप से चिंतन करें, वीरतापूर्वक प्राप्त करें’ पर आधारित है.
इस सम्मेलन को अभिनेता अनुपम खेर ने भी सम्बोधित किया और बताया कि – ‘हिंदुत्व’ जीवन का एक तरीका है और कोई हिंदू उनकी तरह के तौर-तरीकों को अपनाकर बनता है.
उन्होंने कहा- सहिष्णुता विवेकानंद के संदेश का मूल तत्व था और हम इसको अपने जीवन में उतारने का पूरा प्रयास करेंगे.
(साभार-पीटीआई भाषा)