गोरखपुरिया भोजपुरिया के ‘फगुआ जुटान’ कार्यक्रम में बोलते हुए महापौर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि भोजपुरी माटी की भाषा है, भोजपुरी बोलने में कभी संकोच न करें.
आज भोजपुरी भाषा और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के बहुत आवश्यकता है. कार्यक्रम में बोलते हुए भोजपुरी के प्रमुख स्तंभ रवीन्द्र श्रीवास्तव जुगनी ने
कहा कि भोजपुरी भाषा का वर्णन ऋग्वेद में भी है. परंतु दुर्भाग्य से बहुत से लोग नहीं जानते हैं. गोरखपुरिया भोजपुरिया का यह प्रयास सार्थक है.
भोजपुरी के नाम पर समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की यह जुटान अद्भुत है. गोरखपुरिया भोजपुरिया के संयोजक विकास श्रीवास्तव ने कहा कि
फगुआ पर जुटान भोजपुरी संस्कृति को बचाने का एक प्रयास है. संस्कृति और भाषा एक दूसरे के पूरक हैं. भोजपुरी भाषा को बचाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का जुड़ना बेहद उत्साहवर्धक है.
संस्था के सह संयोजक नरेन्द्र मिश्र ने कहा कि भोजपुरी को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की आवश्यकता है. यह काम केवल भोजपुरी बोल के किया जा सकता है.
भोजपुरी भाषा को नई पीढ़ी तक ले जाने के लिए अपने घर से ही प्रयास करने की जरूरत है. फगुआ पर जुटान कार्यक्रम हास्य व्यंग्य और गीत संगीत से सराबोर रहा.
घरेलू महिलाओं के रुप रानी ग्रुप ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी. स्वर द सोल ऑफ म्यूजिक की निर्देशिका अर्पिता उपाध्याय और ग्रुप के होली की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया.
भोजपुरी स्टार और गायक मनोज मिश्र मिहिर के मधुर गीतों ने लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया. कार्यक्रम में शैलेश त्रिपाठी मोबाइल बाबा अपने चुटीले हास्य व्यंग्य से समां बांध दिया.
इस अवसर पर मेयर सहित अन्य गणमान्य सदस्यों को वैशाखनंदन सम्मान से विभूषित किया गया. सम्मान पाने वालों में डॉ संजयन त्रिपाठी , डॉ एके पाण्डेय ,
भानु प्रकाश मिश्र , देवेन्द्र चंद, दिव्येंदु नाथ और राकेश मिश्रा शामिल थे. कार्यक्रम में शिवांगी, पाठक ग्रुप मांडवी तिवारी, सारेगामापा फेम प्रशांत मिश्रा और सरिता सिंह की प्रस्तुति सराहनीय रही.
इस कार्यक्रम का संचालन आर जे नवीन तथा शैलेश त्रिपाठी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन नवीन श्रीवास्तव ने द्वारा सम्पन्न हुआ.