भ्रष्टाचारियों के संरक्षणदाताओं को भी नहीं बख्शा जाएगा: शैलेन्द्र (तीसरी आंख)

  • 1527 प्रतियों के जांच रिपोर्ट का अल्पीकरण कर पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन ने किया गैर संवैधानिक दांडिक कार्यवाही
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  • संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले आरोपियों को जिम्मेदारी वाले पदों पर नियुक्त करना न्यायालय की अवहेलना

गोरखपुर: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम खंड द्वितीय बक्शीपुर के भ्रष्ट लोक सेवकों द्वारा लगभग अरबों रुपए के कारित गम्भीर वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध के संबंध में तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन

के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र द्वारा उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन के मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन व चेयरमैन उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन

और प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को संबंधित प्रमाणित प्रमाण संलग्न कर लगभग सैकड़ों प्रेषित शिकायत पत्रों के अनुक्रम में शासकीय निर्देशानुसार

गठित त्रिस्तरीय जांच कमेटी द्वारा 200 विद्युत आईडी पर किए गए आर्थिक अपराधों की जांच कर आरोप की पुष्टि करते हुए 1527 प्रतियों में अपनी जांच रिपोर्ट आवश्यक कार्यवाही हेतु पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम

वाराणसी को प्रेषित कर दिया गया था जिसे तत्कालीन उप प्रबंध निदेशक द्वारा आरोपियों के आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव से प्रभावित होकर उक्त जांच रिपोर्ट के अनुरूप अपने निर्धारित दायित्वों के अनुरूप कार्यवाही ना कर

आरोपियों को बचाने हेतु कूट रचित षड्यंत्र के तहत 1527 पन्ने की जांच रिपोर्ट को अनावश्यक रूप से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के कार्यालय में डंप करा दिया गया.

तत्पश्चात प्रमुख आरोपी आर सी पांडेय अधिशासी अभियंता द्वारा अपने आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव से चेयरमैन उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को प्रभावित करने के परिणाम स्वरुप 1527 पन्ने की उक्त जांच रिपोर्ट का

अल्पीकरण कराने के उद्देश्य से मात्र 23 बिंदुओं पर क्षति का आकलन कराते हुए अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर निर्धारित कर्तव्य एवं दयित्वों में कोताही करते हुए

भ्रष्ट लोक सेवकों द्वारा कारित अपराध के निर्धारित दंड से बचाते हुए आंशिक दंड के रूप में अधिशासी अभियंता आर सी पांडे को 4 इंक्रीमेंट पैक, प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ लगभग साढ़े पांच लाख का अर्थदंड दिया गया.

वहीं अवर अभियंता मनोज कुमार को निंदा प्रविष्टि दी गई तथा लेखाकार रामधनी को सेवा से पद्च्युत करते हुए अर्थदंड 4,93,117 रुपए व रोकड़िया धीरेंद्र चौधरी को सेवा से पदच्युत करते हुए

3,88,584 रुपए का अर्थदंड तथा इसी क्रम में लिपिक नितिन नारायण श्रीवास्तव को कार्य से पद अवनति करते हुए कार्यालय सहायक के पद के प्रारंभिक मूल वेतन पर

अवनति कर 78,892 रुपए का अर्थदंड देते हुए मुख्य दोष सिद्ध आरोपी आर सी पांडे को पदोन्नति की खुली छूट प्रदान कर दी गई जिसकी पुष्टि पदोन्नति सूची में अंकित नाम से किया जा सकता है.

जबकि दोष सिद्ध संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले आरोपियों को विभागीय नियमावली व उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदारी के पदों पर का दायित्व नहीं दिया जाना चाहिए.

उपरोक्त दायित्वहीन कार्यवाही से 1527 प्रतियों के जांच रिपोर्ट का अल्पीकरण कर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने गैर संवैधानिक दांडीक कार्यवाही किया है.

पूर्वांचल विद्युत वितरण एवं पावर कारपोरेशन उत्तर प्रदेश के लगभग अरबों रुपए के राजस्व की क्षति को नजरअंदाज कर आरोपियों को विधिक लाभ लेने की खुली छूट प्रदान किया गया है

जिसकी पुष्टि कुछ अन्य आरोपी लोक सेवकों के विरुद्ध अब तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किए जाने एवं महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी के पदों पर किए जाने की तैनाती से किया जा सकता है.

संगठन के संस्थापक महासचिव मिश्र ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार के संरक्षण दाताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि-

“दोष सिद्ध आरोपी और भ्रष्टाचारियों के प्रमुख सचिव सतर्कता की जांच और उच्च न्यायालय में लंबित जनहित याचिका के माध्यम से संगठन अपनी लड़ाई आगे भी जारी रखेगा और भ्रष्टाचारियों के संरक्षणदाताओं को बख्शा नहीं जाएगा.”

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