- शासकीय तंत्र के गोद में जीडीए में पल रहा भ्रष्टाचार
- इस वर्ष वर्तमान शासन और प्रशासन की कार्यशैली, भ्रष्टाचार के विरोध में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण नहीं करेगा
गोरखपुर: विकास प्राधिकरण गोरखपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार के परिणाम स्वरूप अवैध निर्माण और अवैध संचालन के विरुद्ध तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा जनहित के मुद्दे पर किए जा रहे क्रमिक
धरने के 32 वें दिन संगठन के शैलेंद्र कुमार मिश्र संस्थापक महासचिव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विकास प्राधिकरण के नवागत उपाध्याय हास्यास्पद स्वांग रचने के मजे हुए कलाकार हैं
विभागीय भ्रष्टाचार के कारण चल रहे अवैध संचालन और निर्माण के मुद्दों को छुपाने के उद्देश्य से आए दिन अपने चहेतो के माध्यमों से विगत वर्षों से भ्रष्टाचार के शिकार लंबित प्रकरणों के निस्तारण
में बहानेबाजी करना तथा करोड़ों रुपए का राजस्व एकत्र कर शासकीय तंत्र को खुश करते हुए विभाग द्वारा भ्रष्टाचार कारिता अपराध को छुपाते हुए शासकीय तंत्र को गुमराह करने के साथ-साथ जन सामान्य को जनहित के मुद्दों से भ्रमित करने का कूट रचित स्वांग रचा जा रहा है.
संगठन समय आने पर विफल करते हुए जनसामान्य में सार्वजनिक करने के लिए कटिबद्ध है अगर गौर किया जाए तो नित्य सामान्य प्रकरणों का निस्तारण कर स्वयंभू महारत हासिल
करने वाले नवागत उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण गोरखपुर की कार्यशैली पर अस्पष्ट सवालिया निशान अंकित है क्योंकि अपने विभागाध्यक्ष अध्यक्ष/मंडला आयुक्त गोरखपुर के कार्यालय पर
32 दिन से जनहित के मुद्दे पर चल रहे सत्याग्रह संकल्प संदर्भित 24 बिंदुओं के ज्ञापन से संबंधित जनहित के समस्याओं को निस्तारित करने में
असफल रहने की व्यवहारिक स्थिति से नवागत उपाध्यक्ष के कूटनीतिक कलाओं का आकलन किया जा सकता है. ऐसे में उनके कार्य शैली पर सवाल उठना लाजमी है कि
यदि वर्षों से लंबित मामले को कार्यालय में बैठकर अपने भ्रष्ट अधीनस्थों की मिलीभगत से निस्तारित कर करोड़ों रुपए के राजस्व का संकलन करने में सक्षम है तो उक्त भ्रष्ट लोक सेवकों के मिलीभगत से जनहित के 24 बिंदुओं के ज्ञापन को निस्तारित करने में असफल क्यों है.?
इससे उनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध प्रतीत होती है, हालाँकि नवागत उपाध्यक्ष की आर्थिक और राजनीतिक पकड़ अपने अध्यक्ष से सशक्त और प्रभावशाली है जिसके परिणाम स्वरूप अध्यक्ष/मंडलायुक्त
मंडल गोरखपुर के द्वारा विकास प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध मे संगठन के प्रयास के क्रम में गठित जांच समिति को निष्क्रिय और निष्प्रभावी किए जाने के अब तक के निष्कर्ष परिणाम के तुलनात्मक अवलोकन से किया जा सकता है.
बृजराज सैनी जिला अध्यक्ष व राम चंद्र दुबे जिला मंत्री ने संयुक्त रूप से कहा कि अगर नवागत उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण में लंबित और विवादित प्रकरणों को निस्तारित करने में सक्षम हैं
तो उन्हें अपने अध्यक्ष के कार्यालय पर चल रहे क्रमिक धरने से संबंधित 24 बिंदुओं के जनहित के मुद्दे को निस्तारित करते हुए अपनी कलाकारी का योगदान
महानगर वासियों को दिखाते हुए अध्यक्ष को समस्या मुक्त करने की दिशा में सार्थक प्रयास करना चाहिए अन्यथा कूट रचित स्वांग रचना अविलंब बंद कर देना चाहिए.
संगठन शासकीय-प्रशासकीय तंत्र के गोद में विकास प्राधिकरण मे पल रहे व्याप्त भ्रष्टाचार को सबक सिखाने के लिए अविलंब माननीय उच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के दिशा में प्रयासरत है.
शासन-प्रशासन द्वारा जनहित मुद्दों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व आजादी को बाधित करने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हम स्वतंत्रता के व्यावहारिक स्वरूप से कोसों दूर है.
तत्पश्चात संगठन ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष वर्तमान शासन और प्रशासन की कार्यशैली के विरोध में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण नहीं करेगा