एक सर्वेक्षण के अनुसार पता चला है कि सड़क दुर्घटना में मारे जाने वाले उन लोगों की संख्या सबसे ज्यादा होती है जिन्हें यदि समय से रक्त उपलब्ध हो जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी.
दुनिया में प्रत्येक दिन लगभग एक लाख पचास हजार लोगों की मृत्यु होती है और इनमें चालीस हजार से अधिक व्यक्तियों को खून न मिल पाने की वजह से असमय काल के गाल में समा जाना पड़ता है.
ऐसा नहीं है कि इतने अधिक लोगों की मृत्यु के पीछे सड़क दुर्घटना अकेले जिम्मेदार है बल्कि अन्य कई बिमारियों जिनमें रक्त की जरूरत पड़ती है और समय से न मिल पाने के कारण मरीज को अपनी मौत से हाथ धोना पड़ता है.
आज का दिन : 14 जून 2020
विश्व रक्तदाता दिवस
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— Gk News (@gknewss) June 14, 2020
यह सर्वेक्षण हमें बताता है कि यदि लोगों को एक मुहीम के जरिये रक्तदान करने के लिए जागरूक किया जाये तो निश्चित तौर पर मौत के आँकड़ों को बदला जा सकता है. भारत के संदर्भ में अगर बात करें तो बड़ी मुश्किल से 50-55 लाख लोग ही रक्तदान करते हैं,
यद्यपि देश में रोड एक्सीडेंट सहित बिमारियों के निस्तारण के लिए एक करोड़ बीस लाख से ज्यादे यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है तथा हम महज 90 लाख यूनिट ही इकठ्ठा कर पाते हैं.
रक्तदान को लेकर लोगों में भ्रम:
रक्तदान को लेकर ऐसा लोगों में यह भ्रम भी व्याप्त है कि रक्तदान करने से व्यक्ति कमजोर हो जाता है तथा उसे अन्य कई समस्याएं घेर लेती हैं जबकि आपको बता दें कि इस तरह की कोई समस्या नहीं होती है.
बल्कि रक्तदान करने से खुद रक्तदाता को ही फायदा पहुँचता है जैसे- हृदयघात होने की दर का कम होना, वजन सामान्य बना रहना, लिवर की समस्याओं से छुटकारा मिलना,
शरीर में आयरन की मात्रा का संतुलित होना तथा ऊर्जा का संचय होना आदि. रक्तदान के विषय में एक बात ध्यान रखने की जरूरत है कि रक्तदाता स्वस्थ और किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित न हो.
https://youtu.be/TrSLPeg95g4