BY-THE FIRE TEAM
ज्ञात सूत्रों से पता चला है कि सापेक्षता का सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के हाथों से लिखा एक पत्र नीलाम होगा जिसके 15 लाख डॉलर में बिकने की संभवाना है.
इस पत्र में विश्व विख्यात वैज्ञानिक ने ईश्वर, धर्म और इसके अर्थ की खोज पर अपने विचार व्यक्त किए हैं.
नीलामी घर क्रिस्टीज ने बुधवार को ये जानकारी दी. आइंस्टीन की मौत 1955 में हुई थी. उसके एक वर्ष पूर्व उन्होंने ये पत्र जर्मनी के दार्शनिक एरिक गटकाइंड को लिखा था.
आइंस्टीन लिखते हैं, ‘मेरे लिए ईश्वर शब्द मानवीय दुर्बलता का उपज एवं अभिव्यक्ति है. बाइबल सम्मान करने योग्य किंतु आदिम आख्यानों का संग्रह है.
डेढ़ पेज लंबा ये पत्र चार दिसंबर को नीलाम होगा और क्रिस्टीज ने इसके 10 से 15 लाख डॉलर में नीलाम होने की उम्मीद जतायी है.
आइंस्टीन से जुड़े तथ्य :
एक विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद् थे जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं.उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए १९२१ में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया.
उनके अन्य योगदानों में – सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है.
आइंस्टीन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें लिखीं। १९९९ में टाइम पत्रिका ने इन्हें शताब्दी-पुरूष घोषित किया.
१४ जुलाई सन् १९३० को बर्लिन में अाईंस्टीन की मुलाकात भारत के महान साहित्यकार, रहस्यविद् व नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर से हुई.
पश्चिम की तार्किक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अपने समय के महान वैज्ञानिक और पूर्व की धार्मिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले एक महान विचारक एवं भक्त कवि की इस मुलाकात और उनके बीच हुए संवाद को इतिहास की एक अनूठी विरासत माना जाता है.