PoK में PAK के बढ़ते अत्याचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के बाहर प्रदर्शन

 

BY-THE FIRE TEAM

जेनेवा में पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ PoK के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भारी प्रदर्शन करते हुए इस पर तत्काल कार्यवाही की मांग की.

इनका कहना था कि PoK में पाकिस्तान मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है और प्राकृतिक संसाधनों की बेतहाशा लूट मचा रखी है. इन राजनीातिक कार्यकर्ताओं ने PoK में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को भी ध्वस्त करने की बात रखी.

चूँकि पाकिस्तान हमेशा से आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है ऐसे में वहां लोगों पर अत्याचार और शोषण होना लाजिमी है. यही वजह है कि इन राजनीातिक कार्यकर्ताओं ने PoK में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को भी ध्वस्त करने की मांग की.

आपको बता दें कि इससे पहले भी PoK में जल संसाधनों के दोहन को लेकर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ स्थानीय लोग कई बार सड़क पर उतर चुके हैं.

PoK में चीन कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बना रहा है, जिसका स्थानीय लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर PoK की राजनीतिक पार्टी आवामी एक्शन फोरम और स्थानीय लोगों ने मुजफ्फराबाद में सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था.

लोगों में रोष इतना ज्यादा था कि प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद-रावलपिंडी हाईवे को भी जाम कर दिया था और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी.

एक समझौते के अंतर्गत जनवरी 2015 में पाकिस्तान सरकार ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना थ्री जॉर्ज कॉरपोरेशन (CTGC) के साथ इस हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को विकसित करने का करार किया था जिसको साल 2021 तक पूरा किया जाना है.

1100 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में CTGC भारी भरकम निवेश कर रही है. CTGC की ओर से पाकिस्तान में किया जा रहा यह सबसे बड़ा निवेश है.

लेकिन इस हाइड्रो प्रोजेक्ट से PoK में पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की चिंता जाहिर की जा रही है. साथ ही इसको लेकर स्थानीय लोगों को भी विस्थापित किया जा रहा है.
इससे भी दिलचस्प बात यह है कि यहां बनने वाली बिजली स्थानीय लोगों को नहीं दी जाएगी.
इसके अलावा स्थानीय लोगों को प्रोजेक्ट में नौकरी भी नहीं दी जा रही है. सबसे बड़ी बात यह रही कि नीलम झेलम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में लगे सैकड़ों स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया था.

पाकिस्तान ने PoK को आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन को एक तरह से सौंप रखा है, जिसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और पाकिस्तान इनको सेना के बल पर कुचल रहा है.

यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, जिनका पूर्ण दोहन पाकिस्तान लंबे समय से करता रहा है.

इसके अतिरिक्त भारत भी हमेशा से कहता आ रहा है कि पीओके पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है और उसे खाली करना होगा.

इस सम्बन्ध में भारत अपना पक्ष मजबूती से रखते हुए कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर को लेकर कोई विवाद है, तो सिर्फ पाकिस्तान की तरफ से पीओके पर अवैध कब्जा है.

हालाँकि भारत ने सदैव पाकिस्तान के साथ दोस्ताना सम्बन्ध रखने की बात कही किन्तु पाक ने भारत में कई आतंकी गतिविधियों एवं सीमा पर सीज फायर का उलंघन करके माहौल को खराब किया है.

इसी का परिणाम है कि दोनों देशों के बीच शांति बहाली नहीं हो पा रही है. जरुरत इस बात की है कि दोनों देश अपनी जिम्मेदारी समझ कर मानव अधिकारों की रक्षा करें.

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