विज्ञान प्रौद्योगिकी की दुनिया में ब्रिटैन अब एक अनूठा प्रयोग करने जा रहा है. वह एक सैटेलाइट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में एक जाल लगायेगा जो स्पेस के कचरे को इकट्ठा करेगा.
दरअसल प्रयोग के तौर पर शुरू की गई यह कोशिश उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसके ज़रिए अंतरिक्ष को कचरा मुक्त बनाने की योजना है.
यह जाल पृथ्वी से 300 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर लगाया गया है.
यह समझा जाता है कि क़रीब साढ़े सात हज़ार टन कचरा पृथ्वी की कक्षा में तैर रहा है, जो उन उपग्रहों के लिए ख़तरा है, जिन्हें किसी ख़ास मकसद से लॉन्च किया गया है.
जाल के प्रयोग का सैटेलाइट के ज़रिए वीडियो भी बनाया गया है, जिसमें एक जूते के डिब्बे के आकार के स्पेस कचरे को यह फांसता हुआ दिख रहा है.
सूरे स्पेस सेंटर के निदेशक प्रोफेसर गुगलाइलमो अगलीती कहते हैं, “जैसी हमलोगों की उम्मीदें थी, यह वैसा ही काम कर रहा है.”
“आप साफ़तौर पर देख सकते हैं कि यह कैसे जाल में फंसा. हम लोग किए गए इस प्रयोग से ख़ुश हैं.”
आगे क्या होगा ?
यह महज़ एक प्रयोग था, जिसमें एक जूते के डिब्बे के आकार के कचरे को दूसरे सैटेलाइट से पृथ्वी की ओर गिराया गया था जिसे बाद में जाल में फांसा गया.
अगर वास्तव में ऐसा हो पाएगा तो कचरे को फांसने के बाद सैटेलाइट की मदद से जाल इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर कर देगा.
हालाँकि बहुत लम्बे समय से पृथ्वी की कक्षा मैं तैर रहे कचरे को हटाने की बात होती रही है. कई प्रयोग भी इस पर चल रहे हैं पर दावा किया जा रहा है कि यह पहली दफ़ा है जब इस तरह का सफल प्रयोग किया गया है.
जल्द ही अब इस कोशिश के तहत दूसरे चरण का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें एक कैमरा लगाया जाएगा जो स्पेस के वास्तविक कचरे को क़ैद कर सके ताकि उन्हें हटाना आसान हो.
यह उम्मीद की जा रही है कि नए साल की शुरुआत तक इससे और बेहतर तरीक़े से काम लिया जा सकेगा.
स्पेस कचरे से कितना ख़तरा ?
पृथ्वी की कक्षा में लाखों टुकड़े तैर रहे हैं. ये पुराने और सेवा से बाहर हो चुके उपग्रहों के अंश और अंतरिक्ष यात्रियों के द्वारा ग़लती से छूटे उपकरण हैं.
ऐसे में यह डर है कि अगर इन कचरों को हटाया नहीं गया तो यह काम कर रहे अन्य उपग्रहों को क्षतिग्रस्त कर देगा.
इस प्रोजेक्ट पर कार्यरत इंजीनियर अलस्टेयर वेमैन कहते हैं – अगर ये टुकड़े आपस में टकराते हैं तो और अधिक कचरा बनेगा. अधिक कचरा बनने से टकराने की आशंका दिनों-दिन बढ़ती चली जाएगी और एक दिन यह बड़ी परेशानी ला सकती है.
अभी आने वाले समय में ज़रूरतों के हिसाब से कई सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किए जाएंगे. अतः अगर स्पेस कचरे से निपटा नहीं गया तो कई योजनाएं फ़ेल हो सकती हैं.