जम्मू-कश्मीर में जारी रही 146 वर्ष पुरानी ‘दरबार मूव प्रथा’ हमेशा के लिए समाप्त

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर जिसे पहले धारा 370 के तहत ‘विशेष राज्य’ का दर्जा प्राप्त था, उसे केंद्र सरकार ने समाप्त करके केंद्र-शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया.

अब यहां पुनः सरकार ने 149 वर्षों से चल रही दरबार मूव की प्रथा भी समाप्त करने की घोषणा सरकार के द्वारा कर दी गई है.

इसके साथ ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले आवास आवंटन को भी रद्द कर दिया है

तथा 3 सप्ताह के भीतर अफसरों को अलॉट किए गए आवास खाली करने का भी आदेश दे दिया है. इस प्रथा के समाप्त होने से प्रत्येक वर्ष ₹200 करोड़ रूपयों की बचत होगी.

क्या होती है दरबार मूव प्रथा?

जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश मौसम के अनुसार ठण्ड में 6 महीने जम्मू जबकि गर्मी में 6 महीने श्रीनगर को राजधानी के रूप में प्रयोग किया जाता था.

इसके अंतर्गत राजभवन, सिविल सचिवालय तथा सभी प्रमुख विभागों के कार्यालय को जम्मू से कश्मीर और कश्मीर से जम्मू स्थापित करना पड़ता है.

राजधानी शिफ्टिंग की यही प्रथा दरबार मूव कहलाता था जिसकी शुरुआत 1862 में डोगरा शासक गुलाब सिंह ने किया था.

यह महाराजा हरि सिंह के पूर्वज थे जिनके समय में जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बना था.

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