महिलाओं को ‘वाचाल’ कहना जापान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री योशिरो मोरी पर पड़ा भारी, दबाव में देना पड़ा इस्तीफा

मिली जानकारी के मुताबिक जापान की ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष योशिरो मोरी को जापान की महिलाओं को वाचाल’ कहने का मामला जब तूल पकड़ लिया तो बढ़ते दबाव के कारण इन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.

बताते चलें कि एक मीटिंग के दौरान मोरी ने वक्तव्य दिया था कि- “महिलाएं वाचाल होती हैं और मीटिंग में एक दूसरे से प्रतिद्वंदिता करती हैं. मीटिंग में यदि एक महिला कुछ कहने

के लिए खड़ी होती है तो निश्चित तौर पर सभी महिलाओं को कुछ न कुछ कहना होता है इससे मीटिंग के समय बर्बाद होता है.”

इस वक्तवय के बाद मोरी का चौतरफा विरोध किया जाने लगा, पहले तो उनसे माफी मांगने की बात कही गई किंतु बाद में उन्हें इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया गया.

इस कथन के बाद जापान में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए पंजीकृत 500 वॉलिंटियर्स ने भी अपना नाम वापस ले लिया था जबकि ट्विटर पर ‘मोरी प्लीज रिजाइन’ ट्रेंड करने लगा.

इसके अतिरिक्त जुडो चैम्पियन नोरिको मिजोगुची जो कि टोक्यो की प्रथम महिला गवर्नर हैं, ने विरोध करते हुए कहा कि ओलंपिक खेलों में महिलाओं के विरोध का कोई भी वक्तव्य स्वीकार नहीं है, इसका विरोध किया जाना चाहिए,

जापान की टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने मोरी के वक्तव्य का संज्ञान लेते हुए कहा कि- “यह कथन उनकी अज्ञानता को दर्शाता है.”

भारतीय संदर्भ में ध्यान देने वाला पहलू यह है कि यहां कई ऐसे छूटभैया नेता हैं जो महिलाओं पर लगातार आए दिन अश्लील और भद्दे वक्तव्य देते रहते हैं.

यहां तक कि रेप जैसी घटना को भी अंजाम देने की बात करते हैं किंतु भारतीय समाज आज तक न तो किसी नेता से इस्तीफा मांगा है और ना ही सरकार इसके विरुद्ध कोई कदम उठाती है.

ऐसा लगता है कि ऐसी भद्दी और हिंसक टिप्पणियों को समाज स्वीकार कर चुका है तथा महिलाएं इसे अपनी नियति मान बैठी हैं.

यदि जेंडर गैप इंडेक्स में शामिल 153 देशों का सूचकांक देखा जाए तो इसमें भारत का 112 वां स्थान है जबकि जापान इससे भी नीचे यानी कि 121 वें स्थान पर है,

इसके बावजूद जापान में महिला अधिकारों और सुरक्षा को लेकर जिस तरीके से तत्परता देखने को मिली है उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जापान कितना उन्नतशील देश है.

भारत में जहां महिलाओं को देवी का दर्जा भी प्राप्त है, ऐसे में क्या किसी नेता को महिलाओं पर भद्दे वक्तव्य देने के कारण इस्तीफा देने की नौबत आएगी यह एक विचारणीय प्रश्न है.

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