सच्चरित्रता व्यक्ति के जीवन में कितना मायने रखती है इसका अंदाजा कानपुर में हुई घटना से लगाया जा सकता है. बताते चलें कि कृपा शंकर कनौजिया जो अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर
वर्ष 1986 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे. विभागीय परीक्षाएं पास करके पहले हेड कांस्टेबल बने और फिर सब इंस्पेक्टर के पद तक पहुंच गए.
उन्हें पदोन्नति देकर 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर में तैनात किया गया था. ऐसा बताया जाता है कि यहां से उन्हें सर्किल ऑफिसर के पद पर पदोन्नति करके उन्नाव जिले के बीघापुर में तैनात किया गया.
किंतु जुलाई 2021 में कृपा शंकर कनौजिया जब एक महिला कांस्टेबल के साथ कानपुर के होटल में आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए तो इनके विरुद्ध जांच बैठा दी गई.
स्थिति इस कदर बिगड़ी कि जांच में इन्हें दोषी पाया गया, जिस पर शासन स्तर से कार्यवाही करते हुए पुलिस नियमावली का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर इन्हें पुनः सिपाही बनाकर गोरखपुर भेज दिया गया.