उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के होटल में पिटाई के बाद हुई मौत के संबंध में सीबीआई ने लंबी पड़ताल के बाद चार्जशीट दाखिल कर दिया है.
इस केस में रामगढ़ ताल के तत्कालीन एसएचओ जगत नारायण सिंह, तीन सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को भी आरोपी बनाया गया है.
चेकिंग के नाम पर पुलिस ने जिस गलत तरीके से मनीष गुप्ता से पूछताछ करके अर्ध रात्रि में उसकी पिटाई किया उसके कारण उसने दम तोड़ दिया.
2 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार के आग्रह पर सीबीआई ने मनीष गुप्ता हत्याकांड में केस दर्ज करके जांच करना शुरू किया.
मृतक के पत्नी की शिकायत पुलिस ने 6 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया. आरोप यह था कि 27 सितंबर की रात को गोरखपुर स्थित एक होटल में मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ रुके हुए थे.
उसी रात 12:00 बजे रामगढ़ ताल की पुलिस ने होटल मनीष गुप्ता के कमरे की तलाशी लिया और उन्हें बूरी तरीके से पीटा जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्होंने दम तोड़ दिया.
जिन पुलिसकर्मियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया गया, निम्नलिखित हैं-
जगत नारायण सिंह (तत्कालीन एसएचओ), अक्षय कुमार मिश्रा (तत्कालीन सब इंस्पेक्टर), विजय यादव (तत्कालीन सब इंस्पेक्टर), कमलेश यादव (तत्कालीन हेड कांस्टेबल), प्रशांत कुमार (तत्कालीन कांस्टेबल)