नाटक ‘यमराज की चिंता’ ने पृथ्वीलोक में असमय हो रही मृत्यु पर जताई चिंता

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में सामाजिक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘नाट्य दल गोरखपुर’

ने टाउनहाल स्थित कचहरी क्लब प्रांगण में बने मंच पर शाम छ: बजे गुलाम हसन खान के निर्देशन में ‘यमराज की चिंता’ नाटक का मंचनकर

पृथ्वीलोक में हो रहे असमय मृत्यु पर चिंता जताते हुए इसका अवलोकन करने के लिए दूतों को पृथ्वीलोक पर भेजा.

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उन दूतों ने यहां फैली तमाम बुराइयों को रोकने के लिए मानव को जागरूक करने में लग गये. नाटक का कथानक कुछ इस प्रकार है-

नाटक की शुरुआत यमलोक से होती है जहां यमराज काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. पृथ्वी लोक से असमय मृत्यु पाकर लोग यमलोक आ रहे हैं

और यहां इतनी संख्या अधिक हो गई है कि आत्माओं को रहने के लिए भी जगह भविष्य में कम पड़ जाएगी.

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इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए दो यमदूत चंड व मुंड को पृथ्वी लोक पर अवलोकन करने के लिए भेजते हैं जिसकी मुलाकात एक लकड़हारे से होती है जो पेड़ काटता है.

यमदूत देखकर उसे समझाते हैं कि पेड़ काट दोगे तो ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी और तुम सभी असमय मृत्यु का कारण बन जाओगे.

इस पर लकड़हारा समझ जाता है. आगे एक व्यक्ति खुले में शौच करने के लिए जाता है खुले शौच से हो रहे नुकसान के बारे में यमदूत उस व्यक्ति को समझाता है.

आगे एक व्यक्ति नशे में घर आता है और वह साथ में मछली लाता है. पूरे नशे में चूर है, पत्नी इसकी हरकतों से परेशान रहती है.

वह अपने पति भोला से कहती है कि बच्चों का इतना जंजाल आपने फैला दिया 5-6 बच्चे हैं और आप इस कदर नशे में घर आते हैं, कभी ए पता करते हैं कि घर में खाने पहनने के लिए है कि नहीं.

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यही हाल अगर आपका रहा तो मैं मायके चली जा रही हूं. भोला सोने में सपने देखता है कि दो दूत आते हैं और भोला को अपने साथ लेकर ले जाने की बात करते हैं.

तुम अपने पत्नी को मारते हो, बहुत ज्यादा बच्चे पैदा किए हो, खुद नशे में रहते हो, उनके खाने-पीने की चिंता नहीं करते हो.

इसलिए यम महाराज ने हमें आदेश दिया है तुम्हे ले आएं. अब तुम्हें वहां ले जाकर तेल में तलेंगे और हम सभी लोग तुम्हारा भक्षण करेंगे.

इससे भोला डर जाता है और नशा से दूर रहने का कसम खाता है और इसके लिए कान पकड़ कर उठक बैठक करता है.

तब तक उसकी पत्नी आ जाती है और एहसास दिलाती है कि यह सारा कुछ आप सपने में कर रहे है. लेकिन वहीं अपनी पत्नी को स्पष्ट करता है कि

अब आज के बाद से हम नशा नहीं करेंगे और जो भी पैसा कमाएंगे हम अपने परिवार में बच्चों में खर्च करेंगे.

नाटक में गिरजेश दुबे, प्रदीप जायसवाल, आस्था, प्रियंका, पूनम, ईश्वर चंद्र राव, प्रियांशु, अभिषेक, रोहित यादव, उपेंद्रनाथ तिवारी आदि कलाकारों ने जीवंत अभिनय किया.

रूपसज्जा राधेश्याम और विशेष सहयोग बेचन सिंह पटेल, रंजीत प्रताप, निलेश्वर तिवारी का रहा, कार्यक्रम का सफल संचालन नवीन पाण्डेय ने किया.

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