गोरखपुर: खोराबार थाने की रामनगर कड़जहां चौकी के पूर्व में इंचार्ज रहे शंभू साहनी, सिपाही विक्रांत सिंह, अरविंद पांडेय, अभिषेक शुक्ला को निलंबित कर दिया गया.
आरोप है कि सभी ने एक युवक को छोड़ने के नाम पर दस हजार रुपये वसूले और फिर बाइक देने के नाम पर दस हजार रुपये की मांग किया था.
पीड़ित के भाई ने पुलिस से हुई बातचीत को रिकाॅर्ड करके वायरल कर दिया. जब मामला एसएसपी के संज्ञान में आया तो उन्होंने जांच का आदेश दिया.
एएसपी की जांच रिपोर्ट पर सभी पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया. खबर है कि अफसर आरोपी पुलिस वालों पर केस दर्ज कराने पर भी विचार विमर्श कर रहे हैं.
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जानकारी के मुताबिक, खोराबार के जंगल बेलवार निवासी जामवंत कुमार दो फरवरी को अपने परिचित एक मित्र के घर पर गया था.
वहां पर रात में गांव वालों ने उसे चोर समझ लिया और पुलिस को सूचना दी. सिपाही विक्रांत आरोपी जामवंत कुमार को चौकी पर लाया और फिर सुबह गांव वालों ने आकर कार्रवाई न करने की सिफारिश करते हुए गलत सूचना की बात कही.
इसके बाद ही पुलिस ने छोड़ने के लिए दस हजार रुपये की मांग किया. आरोप है कि दस हजार रुपये लेने के बाद जामवंत को छोड़ दिया गया,
लेकिन उसकी बाइक व मोबाइल को पुलिस ने नहीं लौटाया. जामवंत के भाई भीम ने पुलिस से मोबाइल व बाइक के लिए संपर्क किया तो फिर से पुलिस की ओर से दस हजार रुपये की मांग कर दी गई.
इसके बाद भीम ने जिन भी पुलिस वालों से बातचीत की, सबके फोन को रिकॉर्ड कर उसे वायरल कर दिया. इसी मामले में एसएसपी ने एएसपी को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी थी.
जांच रिपोर्ट आधार पर सभी दोषी पुलिस वालों को निलंबित करते हुए विभागीय जांच का आदेश दे दिया गया है. एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि
रामनगर कड़जहां चौकी के पूर्व में रहे इंचार्ज और वहां पर वर्तमान में तैनात तीन सिपाहियों को जांच के बाद निलंबित कर दिया गया है.