केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के विरुद्ध पिछले 38 दिनों से दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बैठे किसानों की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं.
दरअसल, दिल्ली एनसीआर में झमाझम बारिश होने के कारण प्रदर्शनकारी किसानों के द्वारा लगाए गए तंबूओं में पानी भरने लगा जिसके कारण प्रयोग में लाए जाने वाले कंबल तथा अन्य सामान भिगने लगे.
इस सर्द भरी हवा तथा बारिश के कारण महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा है. इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि-
रिपोर्टर बन Rakesh Tikait ने बारिश में दिखाया किसानों का हाल | Farmers P… https://t.co/bkDOgazewV via @YouTube #KisanMajdoorEktaZindabaad
— Shweta Chaudhary (@ShwetaC38004697) January 3, 2021
“जैसे पहाड़ों पर बारिश का पानी नीचे गिरता है, उसी तरह की स्थिति बनी हुई है. किसानों के टेंट लगे हुए हैं जो यहां पिछले 1 महीने से लगातार काले कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं.”
मुझे समझ नही आता आख़िर इन किसानों का गुनाह क्या है जिसकी सजा ये लोग यहाँ पर रहकर रात दिन भुगत रहे हैं#kisanprotest @ajitanjum @Rakeshtikait_ @sakshijoshii @DineshKumarLive @RahulGandhi @priyankagandhi @SChaudharyINC @AjayLalluINC @kashikirai
— Abha Chaudhary (@ImAbhaChaudhary) January 3, 2021
मैं अपील करना चाहूंगा किसान भाइयों से कि जो भी किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आए वह अपने ट्रैक्टर पर पॉलिथीन, त्रिपाल और अन्य सारी चीजें लेकर आए क्योंकि बारिश के कारण स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है.
बारिश के इस कहर को देखकर प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि यह परमात्मा की मर्जी है जो अन्नदाता खेतों में काम करता था वह सड़कों पर है.
सरकार को तुरंत इस कानून को वापस लेना चाहिए और नए वर्ष पर किसानों को शुभकामनाएं देने की जरूरत है ताकि तनावपूर्ण स्थिति को निपटाया जा सके.