कोलकाता: विगत कई महीनो से जिस तरह देश में कथित बाबाओं तथा राजनेताओं द्वारा भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बताने का वक्तव्य उस समय रेत के ढेर में बदल गया जब लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आए.
चुनाव परिणाम को देखकर जाने-माने अर्थशास्त्री एवं नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्ये सेन ने कहा कि चुनाव परिणाम यह दिखा रहे हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सेन ने नाराजगी जताकर कहा कि नई व्यवस्था के तहत लोगों को बिना सुनवाई के जेल में डाल देना बहुत ही गलत है.
बताते चलें कि अर्थशाष्त्री सेन नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक बंगाली समाचार चैनल से बात करते हुए कहा है हम सदैव चुनाव के बाद बदलाव की उम्मीद करते हैं.
भाजपा के पूर्व की सरकारों द्वारा जो कुछ भी हुआ जिसमें लोगों को बिना सुनवाई के सलाखों के पीछे डाल दिया जाता रहा है तथा अमीर और गरीब की खाई को चौड़ा किया गया, वह अभी भी जारी है.
इसे मजबूती से रोकने की जरूरत है, जब तक हमारे देश में राजनीतिक रूप से खुले विचारों को संरक्षण नहीं मिलेगा तब तक भारत जिसे एक धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया गया है,
हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता का पोषक है तब तक हमें इन चुनौतियों से लड़ना पड़ेगा. वर्तमान की भाजपा सरकार ने पूर्व की खामियों को और बढ़ाने का काम किया है.
आज जिस तरीके से वर्तमान भाजपा सरकार ने लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया, गिरफ्तार किया हो, वह कहीं ना कहीं न्यायिक कटघरे में खड़ा हो जाता है.
देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहीम चलाई जा रही थी, वह स्वीकार्य नहीं है. अमर्त्ये सेन ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि ब्रिटिश शासन के दौरान लोगों को बिना सुनवाई के ही जेल में डाल दिया जाता था.
खुद मेरे परिवार के कई सदस्यों को बिना वजह लंबे दिनों तक जेल में डाला गया था. दरअसल भारत की असली पहचान विविधता में एकता है, इसे बचाएं और बनाए रखने की आवश्यकता है.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बावजूद भाजपा का फैजाबाद लोकसभा सीट से हारना यह दिखाता है कि इसके जरिए भाजपा भारत की असली पहचान को दबाने की कोशिश में लगी हुई थी.
भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में चित्रित करना बिल्कुल गलत है. हमें नहीं भूलना चाहिए कि यह महात्मा गांधी, रविंद्र नाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का देश है जो जीवन भर भारत की समरसता और भाईचारे के लिए लड़ते रहे.