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आज भारत में काम के 8 घंटे हैं तो इसका श्रेय बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर को ही जाता है. वाकई डॉ. अम्बेडकर भारतीय मज़दूरों के रक्षक थे.

27 नवंबर, 1942 को हुई सातवीं लेबर कॉन्फ्रेंस में डॉ. अम्बेडकर ने काम के घंटे 14 से घटाकर 8 कर दिए. उससे पहले भारत में मजदूरों को 14-15 घंटे काम करना पड़ता था.

ये बिल पेश करते हुए डॉ. अम्बेडकर ने कहा था, ‘काम के घंटे घटाने का मतलब है रोजगार का बढ़ना लेकिन काम का समय 12 से 8 घंटे किये जाते समय वेतन कम नहीं किया जाना चाहिए.’

डॉ. अम्बेडकर ने मजदूरों को दुर्घटना बीमा, प्रोविडेंट फंड, टीए-डीए, मेडिकल लीव और छुट्टियों जैसे लाभ भी दिलाए.

मजूदरों की भलाई के लिए कई बिल ड्राफ्ट भी किए. जैसे-1. द कोल माइंस सेफ्टी (स्टॉविंग) बिल,
2. द फैक्ट्रीज़ (अमेंडमेंट) बिल, 3. द फैक्ट्रीज़ (सेंकड अमेंडमेंट) बिल,

4. वर्कमेन कम्पेन्सेशन (अमेंडमेंट) बिल, 5. द इंडियन माइंस (अमेंडमेंट) बिल, 6. वर्कर्स वेलफेयर एंड सोशल सिक्योरिटी बिल,

7. मीका माइंस वेलफेयर बिल, 8. इंड्स्ट्रियल वर्कर्स हाउसिंग एंड हेल्थ बिल, 9. टी कंट्रोल (अमेंडमेंट) बिल ड्राफ्ट किए

 

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