BY- THE FIRE TEAM
उत्तर प्रदेश के लखनऊ की डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय बनी जजेज फैक्टरी, इस साल यूपीपीसीएस-जे व अन्य राज्य की न्यायिक सेवा की परीक्षा में पास होने वाले 150 उम्मीदवार इसी विश्वविद्यालय से हैं।
बता दें कि, इस बार यूपीपीसीएस-जे में कुल 610 अभ्यर्थी सफल हुए हैं ।आकर्षण की बात यह है कि देश भर की न्यायिक सेवा में इस साल 150 अकेले लोहिया विधि विश्वविद्यालय से हैं
लखनऊ के आशियाना में स्थित राम मनोहर लोहिया विधि विश्विद्यालय देश के 21 उत्कृष्ट विधि संस्थानों में से एक है।
वर्ष 2006 में स्थापित हुई यूनिवर्सिटी प्रखर समाजवादी राम मनोहर लोहिया के नाम पर है।इसकी स्थापना पुर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने की थी । जिसका उद्देश्य विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए था । जो आज पूर्ण होता दिख रहा है । अपने संसाधनों के लिए यह विधि विश्विद्यालय पूर्णतया राज्य सरकार पर निर्भर है।
तीन साल 350 सफलताएं
क्वालिटी एजुकेशन की बात की जाए तो बात दें कि, बीते तीन सालों में लोहिया विधि विश्वविद्यालय ने कुल 350 जज देश को दिए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि यहां की एजुकेशन क्वालिटी किस स्तर की होगी। अगर बात प्लेसमेंट कि की जाए तो आपको बता दूं इस साल पास हुए बैच ने विभिन्न संस्थाओं में 60% स्टूडेंट्स ने जगह बनाई ।
एनआइआरएफ रैंकिंग
यह रैंकिंग मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से जारी की जाती है। इस रैंकिंग में वर्ष 2018 में सभी विधि विश्वविद्यालयों में लोहिया विधि विश्विद्यालय को 8वां स्थान मिला है।
किसी भी शैक्षिक संस्थान में स्ट्रक्चर से पहले शिक्षा व्यवस्था मायने रखती है। हमें गर्व है कि यूपीपीएस-जे में सर्वाधिक उम्मीदवारों का चयन हमारी यूनिवर्सिटी से हुआ- प्रो० एसके भटनागर, कुलपति
विश्वविद्यालय में दाखिला
लोहिया विधि विश्वविद्यालय देश में 21 विधि विश्वविद्यालयों में से एक है जहां दाखिले के लिए कॉमन लॉ एड्मिशन टेस्ट (क्लैट) अभ्यर्थी को पास करना होता है। क्लैट का एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद ही अभ्यर्थी को 21 विधि विश्वविद्यालयों में से एक लोहिया विधि विश्वविद्यालय में दाखिला मिलता है।
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