मिली सूचना के मुताबिक केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना करने वाले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी दिनों से बीमारी के पश्चात निधन हो गया.
इस संबंध में उनके पुत्र चिराग पासवान ने निधन की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दिया है. उन्होंने भावनात्मक पोस्ट लिखते हुए कहा है कि-” पापा आप इस दुनिया में नहीं है लेकिन आप जहां भी हैं मेरे साथ हैं.”
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa… pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
आपको यहां बताते चलें कि राजनीतिक समीकरण बैठाने में रामविलास पासवान का कोई सानी नहीं मिलता है. 1977 के चुनाव में बिहार के हाजीपुर से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने साढ़े पाँच लाख मतों से चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बना दिया था,
जिसे अभी तक कोई तोड़ नहीं पाया है. सत्ता के गलियारे में रामविलास की भूमिका सदैव किंग मेकर की बनी रही है. वह अटल बिहारी वाजपेई के दौर में भी मंत्री थे,
हालांकि 2004 में उन्होंने एनडीए से अपना संबंध तोड़ कर 2005 में ही लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया और उस वर्ष बिहार के हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने 29 सीटें जीत करके सबको चौंका दिया, तत्पश्चात ये यूपीए से जुड़ गए.
I am shocked at the news of the death of Union Minister #RamVilasPaswan ji. Paswan ji has played an important role in the upliftment of the poor, deprived and the exploited. May God give peace to the departed soul: Nitin Gadkari pic.twitter.com/YxeRh8Ytht
— The Times Of India (@timesofindia) October 8, 2020
दरअसल रामविलास पासवान राजनीति के वह माहिर खिलाड़ी थे जिन्होंने बहती हुई राजनीतिक बयार को सदैव पहचान कर निर्णायक फैसले लेते थे.
इसका सबसे ताजा उदाहरण वर्ष 2014 के आम चुनाव को लेकर देखा जा सकता है क्योंकि यह पुनः एनडीए में अपनी जगह बना लिया. 2019 के चुनाव में भी लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ा और सारे सीटों पर जीत हासिल किया.