लेख: इंदिरा इज इंडिया बनाम मोदी इज इंडिया

BY- RAVI CHAUHAN 

देश में चुनाव संपन्न हुए 2014 से होते हुए 2019 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रचंड बहुमत से बनी है जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। यह कोई अप्रत्याशित घटना के साथ-साथ कोई नई बात नही है।

पुराने समय में जाएंगे तो पाएंगे कभी इस देश में इंदिरा गांधी और शुरू में देश के आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस का एकछत्र राज चला और इंदिरा गांधी के प्रति दीवानगी से तो पूरा देश ओतप्रोत था। गांव में आज भी जाएंगे पुराने बुजुर्ग इंदिरा गांधी के बड़े फैन मिलेंगे और गौरतलब है उस समय में ना कोई सोशल मीडिया था, ना व्हाट्सएप था, ना फेसबुक थी मात्र रेडियो और कहीं-कहीं टीवी कुछ एक अखबार ही खबर का साधन थे। उस समय में इंदिरा गांधी के बढ़ते कद और उनके प्रभावशाली नारों से देश की जनता उनके पीछे पीछे हो ली थी।

1984 में भारतीय जनता पार्टी को मात्र 2 सीटें मिली थी। एक बार तो राजीव गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के दोनों सांसदों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि हम दो हमारे दो

कांग्रेसी उस समय इतने बड़े पहाड़ जैसे घमंड में चूर हो गए थे और देश में नारा लगा इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा लेकिन उसके बाद अटल बिहारी वाजपेई की सरकार जब संसद में गिरी तो माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था कि आज कांग्रेस हम पर हंस रही है। लेकिन एक समय ऐसा आएगा जब पूरे देश में कमल खिलेगा और आज यह बात पूरी तरह से सच हुई है।

ओर हां देश में evm मशीन कांग्रेस ही लायी थी वरना यहां बलेट पेपर से वोटिंग होती थी। जिनकी पार्टी के नेताओ की राजनीति जूतों पीटी है घूम फिर कर evm पर चढ़ जाते है। खुद में सुधार करने की बजाय बंगले झांक रहे है।

और सबसे बड़ा कड़वा सच यह है कि इस चुनाव में नरेंद्र मोदी जी के टक्कर का नेता विपक्ष के पास आज भी नही है चाहे इसके पीछे जो भी कारण हो।

राजनीति में साम, दाम, दंड भेद किसी भी तरीके से कुछ भी करके आपको टॉप पर आना होता है तो इसमें भारतीय जनता पार्टी यह क्या डर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जमकर मेहनत की है बुरे से बुरे दौर में लोगों ने, उनके कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी को नहीं छोड़ा सबसे बड़ी बात उनके अंदर आंतरिक लोकतंत्र हैं जिसमें सभी की बात सुनी जाती है जो दूसरी पार्टियों को भारतीय जनता पार्टी से सीखना चाहिए।

आज के युग में मॉडर्न तरीकों से चुनाव प्रचार होते हैं रात के 11,12 बजे भी व्हाट्सएप से किसी का दिमाग बदला जा सकता है।राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर युवाओं को आकर्षित किया जा सकता है। अंत में कुछ भी हो भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं उनके कार्यकर्ताओं ने जमकर इतने साल मेहनत की है।

आज वाजपेई जी की बात सच हो रही है तो यह समय है जो बदलता है। इतिहास अपने आप को दोहराता है और यही हुआ है। लेकिन अटल जी की कही बात एक दिन पूरे देश में कमल खिलेगा और कांग्रेसी आज हम पर हंस रहे हैं। एक पार्टी के कार्यकर्ता को सोचना चाहिए और इन बातों से सीख लेनी चाहिए, बुरे से बुरे समय में जमकर मेहनत करिए क्योंकि समय जरूर बदलता है।

और खासकर कोंग्रेस के लोगो को पता होगा
इंदिरा इज इंडिया
इंडिया इज इंदिरा नारे किसने लगाए थे।

जनता मालिक है।
ये पब्लिक है बाबू सब जानती है।

सभी के लिये शुभकामनाओ सहित

( Ravi Chauhan  राजनीतिक विश्लेषक हैं ) 

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