देश में लव जिहाद का मुद्दा फिर से राजनीति में गर्माहट का विषय बन गया है. इस मुद्दे पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है कि– “यदि लव जिहाद पर प्रदेश में कानून बनता है तो यह अनुच्छेद 14 और 21 का सीधे तौर पर उल्लंघन होगा.”
It'll be gross violation of Articles 14 & 21, scrap Special Marriage Act then. They should study Constitution. Such propagation of hatred won't work. BJP doing drama to distract youth who fell victim to unemployment: Asaduddin Owaisi, AIMIM on anti-'Love Jihad' law by some states pic.twitter.com/lDnwrWPbA4
— ANI (@ANI) November 22, 2020
आज देश में नफरत की जगह लव फैलाने की जरूरत है और इस तरह का कानून बनाना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं लगता है. वैसे भाजपा पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि-
आखिर कब तक और कितना जहर और नफरत समाज में फैलाएंगे? एआईएमआईएम प्रमुख भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या आप स्पेशल मैरिज एक्ट को भी अब खत्म कर देंगे.?
आपको यहां बताते चलें कि 1954 में पारित स्पेशल मैरिज एक्ट दो अलग-अलग धर्म के लोगों को बिना धर्म बदले रजिस्टर्ड शादी करने का अधिकार देता है.
In Focus Podcast | There is a Special Marriage Act in India, enacted in 1954, to facilitate marriage of couples professing different faiths and preferring a civil wedding. Here are the highlights of some of the problems and some legal provisions.https://t.co/Y3qCtsfzB6
— The Hindu (@the_hindu) November 18, 2020
इसके लिए पहले नोटिस देना होता है, अगर शादी करने वालों के विरुद्ध कहीं कोई रजिस्ट्रार के कार्यालय में शिकायत नहीं मिलती है तो शादी के इच्छुक जोड़ों को रजिस्टर्ड फॉर्म भरने के लिए दिया जाता है और फिर विवाह संपन्न हो जाता है.
बिहार में विधानसभा चुनाव के पश्चात गिरिराज सिंह ने भी लव जिहाद पर कानून बनाने की वकालत की थी. जबकि मध्यप्रदेश में इस विधेयक को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ ने गृह मंत्रालय को इस विषय में पहले ही इत्तला कर दिया है. ऐसी सूचना है कि लव जिहाद को गैर जमानती अपराध घोषित करने तथा इसमें आरोपी और उसके सहयोगीयों को 5 साल की कठोर सजा दिए जाने का प्रावधान रखे जाने की संभावना है.