लखनऊ: अधिकाधिक वर्षा जल संचयन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में ‘कैच द रेन’ अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है.
2019 से प्रतिवर्ष मार्च-अप्रैल से नवंबर तक चलने वाला यह अभियान इस वर्ष अपने पांचवें चरण में पहुंच चुका है. इसके अंतर्गत पारंपरिक जल निकायों, जलस्रोतों का नीवनीकरण और पुन: उपयोग,
बोरवेल पुनर्भरण, वाटरशेड का विकास, गहन वनारोपण, छोटी नदियों के कायाकल्प के साथ ही ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ के थीम पर जन जागरूकता कार्यक्रम,
जिलों की हाइड्रो जियोलॉजिकल परिस्थिति के अनुसार जल संचयन संबंधी अन्य कार्य कराए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त जिलों के सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय भवनों पर
अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना कराने के निर्देश हैं. साथ ही जिलों के सभी अमृत सरोवरों के जल प्रवाह में रुकावट को ठीक किया जाए.
बता दें कि जिलों के शासकीय और अर्द्धशासकीय भवनों पर अनिवार्य रूप से रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना कराने के मामले में पीलीभीत, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और गोंडा क्रमश: टॉप फाइव में हैं.
यहां शत प्रतिशत कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि अमृत सरोवरों के रखरखाव में गोरखपुर, महाराजगंज, प्रयागराज, आजमगढ़ और बाराबंकी क्रमश: टॉप फाइव जनपद हैं.
यहां अमृत सरोवरों में सिल्ट और वनस्पतियों को साफ कराने का कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही निर्माणाधीन अमृत सरोवरों के कार्य को भी पूरा कर लिया गया है.
‘कैच द रेन अभियान 2024’ की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है कि यह केंद्र और योगी सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है.
इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में मानसून के प्रारंभ से पहले प्राथमिकता के आधार पर जल स्रोतों यथा तालाब, कृत्रिम पुनर्भरण संरचना, छोटी नदियां, चेकडैम,
जल निकाय के डिसिल्टिंग और पुनरुद्धार के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, जिससे कि वर्षा ऋतु में अधिकाधिक वर्षा जल का संचयन करते हुए जल शक्ति अभियान को सार्थकता प्रदान की जाए.
जिलों में सीडीओ बनाए गये हैं नोडल अफसर:
नगरीय क्षेत्रों में आने वाले समस्त पार्क और सार्वजनिक स्थलों में वर्षा जल संचयन के प्रभावी उपाय किये जाएं. इसके अलावा ‘कैच द रेन 2024’ विषय पर जन जागरूकता के लिए
स्कूली बच्चों एवं समाज में विशेष अभियान, रैलियां, गोष्ठियां, वार्ता आदि का भी आयोजन कराया जाए, जिससे जल संरक्षण एक जन आंदोलन का रूप ले सके.