- आम नागरिकों और व्यापारियों को योगी सरकार ने दी बड़ी राहत
- मकान, दुकान, गोदाम किराए पर लेने के लिए अब ऑनलाइन हो जाएगा अनुबंध
- ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी अदा करते ही मिल जाएगा लीज डीड का प्रिंट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब आम नागरिकों और व्यापारियों को मकान, दुकान, गोदाम जैसी जगह किराए पर लेने के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा.
योगी सरकार इनकी सुविधा के लिए ‘ई रेंट एग्रीमेंट’ के जरिए ऑनलाइन लीज डीड की शुरुआत कर रही है, इससे अब डीड राइटर की आवश्यक्ता नहीं रह जाएगी.
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सीधे मकान या बिल्डिंग के मालिक के साथ किराएदार महज 5 मिनट में ऑनलाइन अनुबंध कर कांट्रैक्ट लेटर हासिल करने में सक्षम होंगे. इससे आम नागरिकों समेत व्यापारियों को राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में नागरिकों को कई तरह की सेवाएं ऑनलाइन देकर उनके जीवन को सुगम बनाने का प्रयास किया है.
‘ई रेंट एग्रीमेंट’ उसी मुहिम का हिस्सा है, फिलहाल इसकी शुरुआत गौतम बुद्धनगर से हुई है और जल्द ही अन्य जिलों में यह लागू हो जाएगी.
जटिल प्रक्रिया से मिलेगा छुटकारा:
रेंट एग्रीमेंट की मौजूदा व्यवस्था के तहत किराएदार को पहले डीड राइटर से संपर्क करना पड़ता था.
इसके बाद स्टांप पेपर खरीदने, उसकी नोटरी कराने के बाद दोनों पार्टियों के रेंट एग्रीमेंट पर सिग्नेचर होते थे.
प्रस्तावित ऑनलाइन व्यवस्था में अब किराएदार को सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम और मोबाइल के जरिए लॉगिन करके लीज डिटेल भरनी होगी.
उदाहरण के तौर पर गौतम बुद्धनगर में www.gbnagar.nic.in नाम से साइट विकसित की गई है.
इस पर प्रॉपर्टी की डिटेल भरने के बाद स्टांप ड्यूटी अदा करते ही लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी. पोर्टल पर रेंट डिटेल भरते ही स्टांप ड्यूटी का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगा.
5 मिनट से भी कम समय में पूरी होगी प्रक्रिया:
यह पूरी प्रक्रिया 5 मिनट से भी कम समय में पूरी हो जाएगी यानी चाय ठंडी होने से पहले रेंट एग्रीमेंट मिल जाएगा.
इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल पर यह काम संभव हो सकेगा.
इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी बल्कि व्यापार करने में सुगमता होगी. यह व्यवस्था पहले से ज्यादा सुरक्षित एवं विश्वसनीय होगी. साथ ही कहीं से भी और कभी भी इसके जरिए एग्रीमेंट किया जा सकेगा.
प्रदेश के राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी:
यह नई व्यवस्था प्रदेश के लिए राजस्व का भी अच्छा जरिया बनेगी. गौतम बुद्धनगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख लीज डीड होती हैं.
स्टांप ड्यूटी के जरिए इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के जरिए प्रत्येक
15 हजार से अधिक मासिक किराए पर 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के जरिए 3,600 रुपए प्राप्त होंगे.
कुल मिलाकर सरकार को सिर्फ गौतम बुद्धनगर से 54 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी. पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होगा.