इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में घटने वाली बलात्कार की घटना जिसमें पीड़िता
मनीषा वाल्मीकि की मृत्यु के बाद पुलिस ने जबरदस्ती उसका दाह संस्कार कर दिया, पर गंभीर चिंता व्यक्त किया है. इस विषय में लखनऊ पीठ ने प्रमुख सचिव गृह डीजीपी, एडीजी कानून और व्यवस्था, हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी करके उन्हें अगली सुनवाई के लिए तलब किया है.
इसके साथ ही न्यायालय ने पीड़िता और उसके परिवार के साथ हाथरस पुलिस के लापरवाही भरे रवैया पर भी राज्य सर कार से प्रतिक्रिया मांगी है. न्यायालय मनीषा बाल्मीकि के मामले की सुनवाई आने वाली तारीख 12 अक्टूबर को करेगा.
आपको बताते चलें कि मनीषा कांड की इस घटना से पूरा देश गुस्से में है और लगातार दोषियों को फांसी देने की मांग की जा रही है. आज दलित समाज न्याय के लिए सड़कों पर उतर चुका है तथा पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं.
#JusticeForIndiasDaughters
Protest on Highway & Arrested
Demand Justice For #manisha_valmiki & Condemn the arrests of @RahulGandhi ji & @priyankagandhi ji#YogiResignNOW @INCIndia @kcvenugopalmp @AICCMedia @INC_Andhra @ANI @bbcnewstelugu @srinivasiyc @INCUttarPradesh @AP_pyc pic.twitter.com/Yranuk60VH— Padmasree Sunkara (@SunkaraPadmasri) October 1, 2020
पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को पुलिस ने नोएडा मैं ही रोक कर हिरासत में ले लिया. इसके कारण कांग्रेसी भड़क गए तथा पूरे प्रदेश भर में इन्होंने प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है.
आज जिस तरह मनीषा को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर आकर अपना आक्रोश दिखाएं हैं वह दिल्ली में घटने वाली निर्भया कांड की याद दिलाता है.
मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेकर पुलिस यूपी के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था और यह मांग किया है कि 4 हफ्ते के अंदर घटना की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए.