BY- THE FIRE TEAM
रिहाई मंच ने घण्टाघर कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों और रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब समेत 21 लोगों पर नामजद और सैकड़ों अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किये जाने को योगी सरकार की बौखलाहट करार दिया।
मंच ने कहा कि पूरे देश ने कल ‘लखनऊ चलो’ के आह्वान के तहत आजमगढ़, रायबरेली, इटावा, कानपूर में महिलाओं पर हुए दमन और 19-20 को हुई पुलिसिया हिंसा के खिलाफ घण्टाघर धरने पर भारी संख्या में पहुँच कर पुरजोर विरोध किया।
घण्टाघर कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों और रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब पर फिर मुकदमा योगी सरकार की बौखलाहट- रिहाई मंच
इस विरोध को रोकने के लिए 8 फरवरी की रात सरकार ने रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब, पूर्व आईजी एस आर दारापुरी, संदीप पाण्डेय और प्रो रूपरेखा वर्मा को सुबह नोटिस भेज कर धरने में न शामिल होने को कहा।
गैरसंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने पर तीसरी बार मुकदमा दर्ज किये जाने पर रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है इसी कारण पुलिस प्रशासन जनता की सुरक्षा करने के बजाय बेटियों पर फर्जी मुक़दमे दर्ज करने में व्यस्त है।
यह वही सरकार है जो विधि छात्रा के शारीरिक शोषण के आरोपी चिन्मयानन्द पर से तो मुक़दमे हटाने की बात करती है लेकिन गैरसंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून और एन.आर.सी. का गांधीवादी तरीके से विरोध करने पर बेटियों पर फर्जी मुक़दमे दर्ज कर उन्हें डराने की कोशिश कर रही है।
लेकिन देश की महिलाओं ने तय कर लिया है कि जब तक यह संविधान विरोधी कानून वापस नहीं लिया जाता तब तक ‘न डरेंगे! न हटेंगे!’
रिहाई मंच ने जामिया के बाहर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की भर्तसना करते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार की बौखलाहट का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि आज एक बार फिर दलितो का आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश की गयी है जो कि संविधान विरोधी है।
द्वारा जारी
राजीव यादव
महासचिव रिहाई मंच
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